-छात्राओं की मांग ब्वॉयज को रात 9 बजे तक हॉस्टल में मिलती है एंट्री तो उन्हें 8 बजे तक क्यों नहीं

>BAREILLY :

आरयू कैंपस में बराबरी जंग को लेकर पब्लिश हुई न्यूज में पब्लिक ने भी कमेंट में कहा कि छात्राओं को भी बराबरी का हक मिलना चाहिए। क्योंकि आज हमारे समाज महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात कही तो जाती है, लेकिन दिया नहीं जाता है। इसीलिए महिलाओं को उनका हक मिलना चाहिए। आरयू मेन हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने महिला दिवस की रात से अपनी जंग शुरू की थी। लेकिन वह अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। छात्राओं की मांग है कि जब ब्वॉयज को रात 9 बजे तक हॉस्टल में एंट्री मिल सकती है तो उन्हें रात आठ बजे तक क्याें नहीं।

पब्लिक की तीखी प्रतिक्रिया

-वाजिब सवाल है.- मिथलेश धार दुबे

-यही सवाल बीएचयू की छात्राओं का भी है.- सुनील कुमार यादव

-लैंगिक समानता का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षा के मंदिर में ही विषमता तो करोड़ों अनपढ़ जनता की सोच कैसे बदलेगी। जब शिक्षक की सोच नहीं बदली तो फिर और किसी से क्या उम्मीद कर सकते हैं निंदनीय स्थिति.-अजीत प्रताप सिंह

-अपने हक के लिए सही सवाल, बंदिशें और रूढि़वादी मानसिकता को खत्म करने के लिए सबसे पहले तो बेटियों को ही आवाज बुलंद करनी होगी। खैर बदलाव जरूरी है और इसकी शुरुआत कहीं से भी हो सकती है। -ललित मोहन मोहन ललित

-सवाल सही है.-अतुल

-सवाल जायज है- अभिषेक तिवारी कार्टूनिस्ट

-आरयू के हालत बेहद चिंताजनक है, कॉपी बाहर से लिखकर आ रही है। हॉस्टल वालों की सुनने वाला कोई नहीं है। यह सब तानाशाही है। -इमरान अंसारी

-सच तो यह है कि छात्र हित की बात करने वाले छात्र नेता ही मौजूदा समय में खामोश है आखिर क्यों.-इमरान अंसारी

-समाज के हर वर्ग की सोच में बदलाव आ रहा है.-मुकेश तिवारी।

-एक जैसी व्यवस्था सब के लिए होनी चाहिए।

-नीरज सिंह