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BAREILLY: व‌र्ल्ड रिकॉर्ड 'संकल्प फ्फ्000' को पूरा करने के लिए गांवों में मानकों को दरकिनार कर शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा करने में अधिकारी जुटे हैं। घटिया और मनमाने ढंग से निर्माण की शिकायत लाभार्थी सीडीओ से कर रहे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि उनकी जमीन पर शौचालय बनाकर व‌र्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए सभी साथ हैं लेकिन तेजी से निर्माण कराने के फेर में निर्माण कार्यो से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं है। क्या है पूरा माजरा, पढि़ए।

 

अधोमानक हो रहा निर्माण

दो दिन पहले आलमपुर जाफराबाद, भुता, शीशगढ़ और बीसलपुर के निवासियों ने विकास भवन पहुंचकर जिम्मेदारों की कारगुजारियों की शिकायत की। अपने साथ निर्माण कार्यो की फोटो भी लेकर पहुंचे थे। डीपीआरओ को सौंपे शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने कहा कि निर्माण में पीली ईट का प्रयोग हो रहा है। हैंडपंप के पास ही शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। ग्राम प्रधान, सचिव से शिकायत की तो उन्होंने चुप करा दिया, लेकिन जब हमारी जमीन पर हमारे उपयोग के लिए निर्माण हो रहा है तो हम उसे मानकों के अनुरूप चाहते हैं।

 

घरों में खोदवा दिए गड्ढे

रूप सिंह, पप्पू व गंगाराम ने बताया कि मौका मुआयना करने पहुंचे प्रधान व सचिव समेत कर्मचारियों ने जबरन घरों में गड्ढे खोदवा दिए हैं, लेकिन इन गड्ढ़ों को ढंकने की व्यवस्था नहीं कराई अब इसमें बकरियां, गाय, कुत्ते, मुर्गे मुर्गियों गिर रहे हैं। किसी दिन परिवार के छोटे बच्चे और बुजुर्गवार भी गिर सकते हैं। जिससे कोई बड़ा हादसा होने की संभावना भी है। जिसमें अधिकारियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन यदि ऐसा ही निर्माण हुआ तो साल भर में यह भरभराकर गिर जाएगा। जिसकी चपेट में परिजन आ सकते हैं।

 

भूजल होगा प्रदूषित

निर्माण पूरा कराने की जल्दबाजी लाभार्थियों पर भारी पड़ सकती है। शिकायत में कहा गया है कि कहीं रसोई तो कहीं पीने के पानी के नल के पास ही शौचालय के गड्ढे खोदवा दिए हैं। जिम्मेदार यह तक ध्यान नहीं दे रहे हैं कि गड्ढों से निकला दूषित जल नल के पानी को प्रदूषित कर देगा। रसोई के पास निर्माण होने से खान-पान भी दूषित होगा। इससे लाभार्थियों के परिवार के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। हालांकि, अधिकारियों की दलील है कि जगह कम होने से यह समस्या है। लेकिन लाभार्थी के यहां शौचालय का निर्माण करना मजबूरी है।

 

क्या हैं मानक

- हैंडपंप से 10 मीटर हो दूरी

- आवास के बाहर सेप्टिक टैंक

- सेप्टिक टैंक आरसीसी कवर्ड हो

- 1 हजार ईटों से दीवार का निर्माण

- 5 सौ ईट से टैंक व चबूतरा निर्माण

- 2 बोरी सीमेंट, 12 बोरी बालू, 4 फुट पाइप, 1 लैट्रिन सीट, 3 फर्श व ढक्कन

 

शौचालयों का घटिया क्वालिटी और नियमों को दरकिनार कर निर्माण कराया जा रहा है। शिकायत पर जांच और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ