- शिकायत पर नहीं पहुंचे पार्षद, सोते रहे अफसर

- सिविल लाइंस द्वितीय में हो रही थी वॉटर लॉगिंग

GORAKHPUR: शहर के मोहल्लों में प्राब्लम झेल रही पब्लिक का भरोसा नगर निगम से टूटता जा रहा है। समस्या की शिकायत करने पर अधिकारी से लेकर पार्षद तक झांकने नहीं जा रहे हैं। बजट का रोना रोकर पार्षद जहां निर्माण कार्य से पीछा छुड़ा रहे हैं। वहीं, नगर निगम के अधिकारी कोई न कोई बहाना कर काम अटका रहे हैं। वार्ड नंबर 62-सिविल लाइंस द्वितीय में नाली खराब होने की शिकायत पर अधिकारियों ने संज्ञान नहीं लिया तो लोगों ने मोहल्ले के 25 घरों से पांच-पांच सौ रुपए चंदा लगाकर निर्माण कार्य पूरा करा लिया। लोगों का कहना है कि सरकारी व्यवस्था के भरोसे उनके किचन से लेकर मेन गेट पर पानी जमा हाे रहा था।

थकहार लगाया चंदा, चल रहा काम

सिविल लाइंस द्वितीय के बांसगांव कॉलोनी में नालियों और उनके स्लैब टूटने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। मोहल्ले के सुभाष सिंह, राजीव दुबे सहित कई लोग वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम झेल रहे थे। समस्या बढ़ने पर लोगों ने मामले की शिकायत पार्षद से की। लोगों का आरोप है कि कोई भी मौके पर झांकने नहीं पहुंचा। नगर निगम के अधिकारियों ने भी शिकायत पर गंभीरता नहीं दिखाई। इससे आजिज आकर मोहल्ले के लोगों ने पांच-पांच सौ रुपए का चंदा लगाकर मरम्मत कार्य शुरू करा दिया। कॉलोनी के हर रास्ते पर स्लैब ढालकर लगा दिए गए। जबकि, नालियों की मरम्मत का काम चल रहा है। मोहल्ले के लोग चंदा जुटाकर साफ-सफाई का इंतजाम भी कर रहे हैं।

पब्लिक की कॉलिंग

मोहल्ले में जल जमाव की समस्या बनी थी। इससे चारों ओर गंदा पानी फैल रहा था। शिकायत करने कोई जिम्मेदार व्यक्ति झांकने नहीं पहुंचा। थकहारकर हम लोगों ने व्यवस्था बनाई।

- सुभाष सिंह, प्रोफेशनल

नगर निगम के अधिकारियों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि पब्लिक कितनी प्रॉब्लम झेल रही है। कभी बजट का अभाव तो कभी किसी अन्य बहाने से काम नहीं कराया जाता। हम लोगों ने चंदा जुटाकर निर्माण करा लिया।

- अभिषेक कुमार, प्रोफेशनल

किचन में पानी जमा होने से काफी परेशानी होती है। सड़क पर नाली का पानी पसरा होने से बच्चों को ज्यादा दिक्कत होती है। स्लैब टूटे होने से रोजाना कोई न कोई बच्चा नाली में गिर जा रहा था।

- माया, हाउसवाइफ

पूरे शहर में यही व्यवस्था लागू करनी पड़ेगी। यहां पर सिर्फ योजनाएं बनाई जाती हैं। कोई अमल नहीं करता है इसलिए ऐसी समस्याएं आती रहती हैं।

- यशोदालाल श्रीवास्तव, सर्विसमैन