रांची: राजधानी के कांके डैम की स्थिति दिन प्रतिदिन बेहद खराब होती जा रही है. 2018 में डैम में हजारों की संख्या में मछलियों के मरने से पूरे डैम में दुर्गध फैल गया था. इसी दुर्गध युक्त पानी को सिटी में रहने वाली आधी आबादी को सप्लाई किया जाता रहा. बाद में काफी हंगामे के बाद पानी की सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गयी. इस बार भी भीषण गर्मी के कहर के कारण वाटर का लेवल काफी नीचे चला गया है. और बरसात से पहले ही गंदगी की वजह से डैम में पानी पूरी तरह प्रदूषित होता जा रहा है. इसका रंग हरा और काला हो गया है. इसके बाद भी लोगों का ख्याल नहीं जा रहा है. आज भी यहां से शहर की आधी आबादी को पानी की सप्लाई जारी है.

जलाशयों में घटा पानी

राजधानी की आबादी 16 लाख से ज्यादा है. इतने लोगों की प्यास बुझाने के लिए सिर्फ तीन जलाशय हैं और इनकी हालत भी अच्छी नहीं रह गई है. रुक्का डैम, कांके डैम और हटिया डैम इन तीनों जलाशयों से शहर में डेली 40 से 45 एमजीडी पानी की सप्लाई की जाती है. लेकिन गर्मी आते ही इन जलाशयों में जल संचयन की क्षमता घट जाती है. इस कारण सबसे दयनीय स्थिति कांके डैम की हो गई है. क्योंकि सबसे बड़ी आबादी को इसी डैम से पानी सप्लाई किया जाता है.

नालों का पानी सीधे डैम में

रांची के सबसे पुराने कांके डैम का निर्माण साल 1954-55 में किया गया था. लेकिननिर्माण के बाद से आज तक इस डैम की साफ-सफाई के लिए शुरू कराया गया कोई भी कार्य सही अंजाम तक नहीं पहुंचा. डैम में हर तरफ गंदगी का अंबार है, 3 बड़े नालों का गंदा और प्रदूषित पानी को शहर के प्रमुख इलाकों से गुजारते हुए इस डैम की ओर छोड़ दिया जाता है. इस वजह से कांके डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है. एक साल में पुराने फिल्टर प्लांट के दम पर डैम के पानी की सफाई की जाती है जो केवल खानापूर्ति है.

पहले नीला था पानी

पुराने लोंगों से बातचीत में पता चला कि डैम का पानी कभी नीला हुआ करता था लेकिन पिछले 15 सालों से गंदगी की वजह से कई जगहों पर पानी का रंग हरा और काला हो गया है. इस वजह से पानी से दुर्गध आना शुरू हो गया है. इस डैम में पर्याप्त मात्रा में पानी तो है लेकिन पीने योग्य नहीं हैं.

दो माह सप्लाई योग्य पानी मौजूद

42 डिग्री के अधिकतम तापमान से जूझ रहे रांची शहर के अधिकांश जलाशयों की हालत खराब है. कांके डैम का जलस्तर भी गिरा है लेकिन इसमें अभी भी लगभग 2117 फिट पानी है. जिसमें से 2107 फीट पानी आपूर्ति करने लायक रहता है. ऐसे में अभी कांके डैम में 2 महीने तक पानी सप्लाई करने की क्षमता है. आश्चर्य की बात यह है कि इतना पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोग इस पानी को पीने और घरेलू इस्तेमाल के लिए उपयोग नहीं कर पाते हैं.

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क्या कहते हैं स्थानीय बाशिंदे

नाले से होकर चारों तरफ से दूषित पानी इस डैम में आ जाता है. जिस कारण डैम का पूरा पानी दूषित हो गया है. इस जलाशय से पानी की सप्लाई शहर के तमाम जगहों पर की जाती है. लेकिन आज तक इस डैम की साफ-सफाई पर किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.

बलराम

स्थानीय निवासी

डैम की साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. केवल सप्लाई करने वाले पानी का फिल्टर कर खानापूर्ति की जा रही है जो गलत है. डैम को केवल मछली उत्पादन और रुपया वसूली का अड्डा बनाया जा रहा है

अखिलेश राय

स्थानीय निवासी