कोई दबाव तो नहीं!

दिसंबर के आखिरी सप्ताह में महिलाओं में तेजाब फेंकने की दो घटनाओं के बाद, डीएम कार्यालय पर महिलाओं द्वारा तीन बार ज्ञापन देने के बाद प्रशासन का उदासीन रवैया साफ-साफ इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि अधिकारियों पर कोई कार्रवाई न करने का जबरदस्त दबाव है। अब ये दबाव कहां से और किसका है, इस बात का तो पता नहीं चला है, लेकिन इतना साफ है कि प्रशासन पब्लिक की चिंता न करते हुए सिर्फ अवैध रूप से तेजाब बनाने और बिना लाइसेंस के तेजाब बेचकर अपनी जेब भरने वाले लोगों के दबाव के आगे झुका है।

पुलिस भी खामोश

जो पुलिस पार्क में आपस में बात कर रहे लड़के और लड़की से सवाल-जवाब करती है। वहीं, देर रात को जीरोमाइल चौराहे पर खड़े होकर बाउंड्री रोड टोल टैक्स ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए हैवी व्हीकल को डायवर्ट करने वाली पुलिस आखिर सिटी के तेजाब माफिया का पर्दाफाश करने में कोई कदम क्यों नहीं उठा रही है? पुलिस के आला अधिकारी भी प्रशासनिक अधिकारियों की तरह तेजाब माफिया के दबाव में है। या बात कोई और है। क्या पुलिस को उनका मोटो और जिम्मेदारी का अहसास दोबारा करना पड़ेगा।

पब्लिक में आक्रोश

तेजाब माफिया के खिलाफ कोई कदम न उठाने को लेकर लोगों में अब विरोध की चिंगारी भड़क उठी है। लोगों का कहना है कि आखिर इतना विरोध होने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों के कानों में जूं क्यों नहीं रेंग रही है? क्या उन्हें महिलाओं की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है? क्या ये अधिकारी नहीं चाहते कि कोई भी बेखौफ निडर होकर अपने शहर में न घूमे? इन सवालों का जवाब न तो पुलिस अधिकारियों के पास है न ही उन प्रशासनिक अधिकारियों के पास है जो बुलेट प्रूफ व्हाइट एमबेस्डर और दो-दो गनर लेकर सिटी सड़कों पर चलते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश

- एसडीएम ये देखें कि दुकानदार तेजाब की बिक्री का रिकॉर्ड मेंटेन कर रहा है या नहीं।

- यहां तक की ये भी देखे कि कितने शिक्षण संस्थान तेजाब उपयोग करने क ा रिकॉर्ड रख रहे हैं।

- रिकॉर्ड मेंटेन न करने वालों पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना ठोके।

पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

- थानावार पुलिस देखे कि कौन सा दुकानदार अपने  संबंधित थाने में तेजाब का रिकॉर्ड दे रहा है या नहीं?

- अगर कोई दुकानदार रिकॉर्ड नहीं दे रहा है तो उससे रिकॉर्ड मेंटेन कराए. 

- उसके बाद भी कोई मानने को तैयार नहीं तो उस पर जुर्माने के लिए प्रशासन को लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति दें या जरूरी कार्रवाई करें।

दुकानदारों की भी है जिम्मेदारी

- दुकानदार तेजाब की खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड मेंटेन करें।

- खरीदार का नाम, पता, उम्र, तेजाब की मात्रा, खरीदी कारण लिखें।

- 18 वर्ष से कम वालों को तेजाब न दें। फोटो आईडी अनिवार्य होगा।

- हर तीन महीने में पुलिस क ो तेजाब बिक्री का ब्यौरा दें।

इस आधार पर जारी किए थे निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने एसिड हमले की शिकार दिल्ली निवासी लक्ष्मी की जनहित याचिका पर सरकार को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे। लक्ष्मी ने एक लड़के से विवाह के लिए इनकार कर दिया था। इस पर लड़के ने उसे तेजाब से जला डाला। 2006 में लक्ष्मी ने जनहित याचिका दायर कर तेजाब की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। 18 जुलाई 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए कि एक सप्ताह में तेजाब की बिक्री संबंधी मॉडल रूल्स राज्यों को भेजें। राज्य सरकारें उसी आधार पर तीन महीने में नियम कानून बनाए।

डीएम कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

शुक्रवार को सुरभि परिवार और महिमा महिला एवं शिशु कल्याण समिति के कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। सुरभि परिवार के प्रमुख दिनेश तलवार ने महिला साथियों को पेड़ बांधकर संदेश दिया किस तरह से महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बंधे हुए ही अपना ज्ञापन सौंपा।