VARANASI : केंद्र सरकार का दावा है कि गुरुवार को लोकसभा में पेश हुआ बजट कॉमन मैन के हित में है। पब्लिक को ध्यान में रखकर बनाया गया है आम बजट। लेकिन आई नेक्स्ट ने बजट पेश होने के दौरान जब लोगों से बातचीत की तो कुछ इस तरह उभर आए उनके दुख-दर्द

हमने तो बजट देखा ही नहीं। वैसे बजट में नया क्या हो सकता है। सरकार जब महंगाई पर लगाम लगा नहीं सकती तो फिर हमें बजट से क्या फायदा। किचन मेंटेन करने में ही हालत खराब हो जा रही है। आलू प्याज के रेट हाई होते जा रहे हैं। जरूरत के सारे सामान महंगे हो गए हैं। कैसे-कैसे जोड़तोड़ से तो घर चल रहा है।

सीमा पांडेय, (मॉल में शॉपिंग करते हुए)

गवर्नमेंट को टैक्स लिमिट और बढ़ानी चाहिए थी। बहुत मुश्किल हो गया है आज के डेट में मनी सेविंग करना। कोई छोटा मोटा काम करिए तुरंत पैसा खर्च हो जा रहा है। खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं उस पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा। बजट में इनकम टैक्स छूट, हाउसिंग लोन सहित सरकारी जमा योजनाओं पर छूट बढ़ाने की बात तो गवर्नमेंट ने की है। देखिए आगे क्या होता है।

राघवेंद्र सिंह, (एटीएम से पैसा निकालते हुए)

किसानों की हालत इस समय बहुत ही खस्ता है। खाद्य यूरिया के रेट बढ़ रहे हैं। जितना खेती में लगाइए उतना निकल भी नहीं पा रहा है। बजट की क्या बात करें सब वही मामला हैं एक हाथ से दो दूसरे हाथ से लो। कृषि यंत्र पर सब्सिडी बढ़ना चाहिए। उस पर लगने वाला ब्याज कम होना चाहिए।

चंद्रशेखर सिंह, (बीज भंडार की दुकान पर)

बजट से हमें क्या फायदा हो सकता है। यहां तो बच्चों की स्कूल फीस भरते-भरते दम निकल जा रहा है। उम्मीद था कि बजट में सरकार कुछ करेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बच्चों के कॉपी-बुक्स, स्टेशनरी, ट्रांसपोर्ट फीस मेंटेन करने में एक मंथ की सैलरी लगभग-लगभग खर्च हो जा रही है।

कृष्णकांत पांडेय, (स्कूल में फीस जमा करते हुए)

पिताजी की हालत खराब है। कई माह से बिस्तर पर पड़े हुए हैं। उनकी दवा भी बहुत कॉस्टली है। जितने पैसे थे सब दवा कराते खर्च हो गए। यहां तक की कर्ज की नौबत आने वाली है। बजट में दवा पर छूट की बात गवर्नमेंट ने की है। फिलहाल देखिए कितना छूट मिलता है।

मनीष सिंह, (मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदते हुए)