हड़ताल की वजह से नगदी लेन-देन, एटीएम ऑपरेशन और अन्य बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ेगा.

यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ बैंक यूनियन या यूएफ़बीयू के संयोजक एमवी मुरली ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि छह फ़रवरी को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुए समझौता बैठक में इंडियन बैंक एसोसिएशन 10 फ़ीसद वेतन वृद्धि के प्रस्ताव से आगे कोई आश्वासन नहीं दे सका.

बेनतीजा बैठक

"छह फ़रवरी को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई समझौता बैठक में इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) 10 फ़ीसद वेतन वृद्धि के प्रस्ताव से आगे कोई आश्वासन नहीं दे सका"

-एमवी मुरली, संयोजक, यूएफ़बीयू

उन्होंने कहा कि समझौता प्रक्रिया के बेनतीजा रहने की वजह से यूएफ़बीयू ने 10 फ़रवरी से  हड़ताल पर जाने का फ़ैसला किया है.

उम्मीद की जा रही है कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से आईसीआईसीआई, एचडीएफ़सी बैंक और एक्सिस बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक़  हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के 27, निजी क्षेत्र के 12 और आठ विदेशी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंकों की देशभर में क़रीब 50 हज़ार शाखाएं हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े  बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने  हड़ताल की वजह से होने वाली असुविधा को लेकर अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है. आल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ़िसर्स फ़ेडरेशन और आल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया स्टाफ़ फ़ेडरेशन भी हड़ताल में शामिल हैं.

यूएफ़बीयू ने इससे पहले 20-21 जनवरी को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जो आईबीए के वेतन वृद्धि शुरुआती पांच फ़ीसदी के प्रस्ताव को बढ़ाकर 9.5 फ़ीसदी कर दिया था और भविष्य में इसे और बढ़ाने का आश्वासन दिया था. इसके बाद हड़ताल स्थगित कर दी गई थी.

इसके बाद 27 जनवरी को हुई बैठक में आईबीए ने वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को आधा फ़ीसद और बढ़ाकर 10 फीसद करने की बात कही, जिसे यूएफ़बीयू ने खारिज कर दिया. बैंक कर्मचारी 20 फीसद वेतनवृद्धि की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनके वेतन का पुनरीक्षण नवंबर 2012 के बाद से नहीं हुआ है.

यूएफ़बीयू में बैंक कर्मचारियों के नौ संठन शामिल हैं. आईबीए और यूएफ़बीयू के बीच अगले दौर की बातचीत गुरुवार को मुंबई में प्रस्तावित है.

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