-लोक सेवा आयोग कार्यालय पर खत्म हो गई 15 दिनों से जारी भूख हड़ताल

-अपर निजी सचिव भर्ती का मामला भी फंसा, ज्वॉइनिंग पर पशोपेश, शासन ने बुलाई बैठक

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) के गेट पर पिछले 15 दिनों से जारी भूख हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गई। प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल की आयोग के अफसरों से हुई वार्ता के बाद अनशन खत्म कर दिया गया। वार्ता के बाद परीक्षा परिणाम के बाबत आयोग के अनुसचिव सुरेन्द्र प्रसाद उपाध्याय की ओर से आदेश जारी करके आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। आदेश में सचिव जगदीश से हुई वार्ता का हवाला देते हुए कहा गया है कि सहायक अभियंता पद हेतु परिणाम आगामी जून के अंतिम सप्ताह तक तथा अवर अभियंता पद का परिणाम अगस्त 2018 के अंतिम सप्ताह तक जारी कर दिया जाएगा।

कुछ अब भी असंतुष्ट

हालांकि, वार्ता के बाद भी कुछ अभ्यर्थी आयोग के आश्वासन से संतुष्ट नहीं दिखे। इनमें एक अभ्यर्थी अजीत का कहना था कि आयोग ऐसे आश्वासन पहले भी दे चुका है। इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता। प्रदर्शन में दिव्यांशु, गोरखनाथ, विनय, अतुल, बृजेश, राजेश, अंशल, अभिषेक, हिमांशु, मयंक, अनुराग आदि शामिल रहे।

बॉक्स-1

सरकार ने गंभीरता से लिया है प्रकरण

वहीं, अपर निजी सचिव सामान्य तथा विशेष चयन (उत्तर प्रदेश सचिवालय) परीक्षा 2010 में चयनित अभ्यर्थियों की ज्वॉइनिंग का मामला उलझता जा रहा है। यूपी लोक सेवा आयोग के तहत सचिवालय में नियुक्ति के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप को सरकार ने गंभीरता से लिया है। ऐसे में इसपर अंतिम निर्णय के लिए 14 मार्च को पूर्वान्ह 11:30 बजे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मुख्य सचिव कार्यालय के सभा कक्ष, लाल बहादुर शास्त्री भवन में बैठक बुला ली गई है। इस बाबत विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन शिव कुमार शुक्ल की ओर से आदेश जारी किया गया है।

सीबीआई के प्रतिनिधि भी जा सकते हैं

आदेश में कहा गया है कि एक तरफ चयनित अभ्यर्थियों की ज्वॉइनिंग के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश है तो दूसरी ओर लोक सेवा आयोग के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में सरकार द्वारा 21 नवम्बर 2017 को जारी अधिसूचना के तहत सीबीआई द्वारा की जा रही विवेचना के दृष्टिगत कहा गया है कि इस बैठक में प्रमुख सचिव, न्याय एवं अपर मुख्य सचिव तथा कार्मिक विभाग द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। कहा गया है कि कार्मिक विभाग अगर आवश्यक समझता है तो गृह विभाग उत्तर प्रदेश तथा सीबीआई के प्रतिनिधियों को भी बैठक में आमंत्रित करने पर विचार कर सकता है।

राज्यपाल से मिले पीसीएस जे के अभ्यर्थी

इस बीच यूपी लोक सेवा आयोग की एक और भर्ती परीक्षा को लेकर छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रामनाइक से लखनऊ में मिला। मालूम हो कि न्यायिक सेवा समानता संघर्ष मोर्चा की अगुवाई में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पीसीएस जे की आगामी भर्ती परीक्षा में अहम बदलावों को लेकर पिछले तीन महीने से लगातार चल रहा है। छात्रों ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें इस परीक्षा में भाषा के आधार पर हो रहे भेदभाव और अवसर की बाध्यता को समाप्त न किए जाने की जानकारी दी। राज्यपाल ने छात्रों को आश्वस्त किया है कि वे खुद इस बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे। गवर्नर से मिलने वालों में रामकरन निर्मल, आशीष पटेल, रजनी मद्धेशिया, नीरज गोस्वामी, मनोज सिंह, सरफराज अहमद, अभिषेक कुमार सिंह आदि शामिल रहे।