उंगली में लगी स्याही, फिर बदलवा पाए नोट, बैंकों में लगी कतार

चुनाव आयोग से स्याही न मिलने पर एसबीआई ने मार्कर से चलाया काम

ALLAHABAD: लंबी लाइनें भी लगी थीं, उंगली पर नीली स्याही भी लगाई जा रही थी। हाथ में वोटर आईडी थी भी, लेकिन फर्क सिर्फ इतना था कि यह मिशन वोट नहीं बल्कि मिशन नोट था। एसबीआई मेन ब्रांच में बुधवार सुबह से ही ऐसा नजारा दिखा। आरबीआई के निर्देश पर उंगलियों पर स्याही लगाकर नोट बदले जा रहे थे।

नहीं मिली चुनाव वाली स्याही

एसबीआई मेन ब्रांच में नोट बदलने के लिए बने आधा दर्जन काउंटरों पर लोगों की उंगली पर मार्कर से नीली स्याही लगाकर कैश दिया जा रहा था। बैंक अधिकारियों का कहना था कि आरबीआई के इंस्ट्रक्शन का पूरा पालन किया जा रहा है। अभी चुनाव आयोग या जिला प्रशासन की ओर से चुनाव में प्रयोग होने वाली स्याही नहीं मिल सकी है। इसीलिए मार्कर का यूज किया गया। यह भी जल्दी नहीं मिटेगा। बैंकों में महिलाओं और सीनियर सिटीजंस के लिए अलग से लाइन लगाई गई।

जरूरतमंदों को मिली प्राथमिकता

बैंक में भारी भीड़ होने के बावजूद आम जनता की जरूरतों का पूरा ख्याल रखा गया। राजरूपपुर से आए रोहित के पिता का इलाज समीप के हॉस्पिटल में चल रहा था। उन्हें दवा की सख्त जरूरत थी। बैंक अधिकारियों ने दवा की पर्ची देखकर तत्काल उन्हें खाते से कैश दिलाने की व्यवस्था कराई। इसी तरह तेलियरगंज के मनोज के घर में तीन दिन बाद शादी है। अधिकारियों ने तत्काल उनके नोट बदलवा दिए। बैंक अधिकारियों का कहना था कि घर में शादी है तो कार्ड दिखाकर या इलाज की पर्ची दिखाने के बाद लोगों की मदद अलग से की जा रही है।

लाइन में लगे लोगों की हुई सेवा

एक ओर लोग लाइन में घंटों लगकर कैश लेने का इंतजार कर रहे थे तो दूसरी ओर समाज के अलग-अलग वर्गो के लोगों ने उनको पानी और बिस्किट बांटकर सेवा की। यह क्रम अलग-अलग कई बैंकों में चलता रहा। बुधवार को जगराम चौराहे के समीप विजया बैंक में लाइन में लगे लोगों को भाजपा महानगर अध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्ता और भाजपा शहर उत्तरी के डॉ। एलएस ओझा के नेतृत्व में पानी, फल और बिस्किट का वितरण किया गया। बीमार और बुजुर्गो की भी सहायता की गयी।

दो घंटे बाद नंबर आया है। उंगली पर स्याही लगाई गई है। ऐसा लगा जैसे वोट देने आया हूं। दिक्कत हो है पर काले धन के खिलाफ लड़ाई में हम पीएम मोदी के साथ हैं।

अनुज मिश्रा

पिता हॉस्पिटल में भर्ती हैं, डॉक्टर ने कहा है कि पैसे नहीं दोगे तो बाहर निकाल देंगे। बैंक अधिकारियों से बात की है। उन्होंने दवा या इलाज का प्रूफ मांगा है। कहा है कि बिना लाइन लगाए पैसे दिला दिए जाएंगे।

इस्माइल

मां के लिए दवा खरीदना है। नोट बदलवाने आए थे। कैशियर का कहना है कि पुराने नोट हैं, इसलिए इन्हे नहीं बदला जाएगा। बैंक का कहना है कि इस बारे में कोई गाइड लाइन आने के बाद सहायता की जा सकेगी।

आजाद कुमार

घर में पैसा खत्म हो गया है। आज पहली बार लाइन में लगा हूं। लगता है घंटों लग जाएंगे लेकिन पैसे की जरूरत है तो ऐसा करना ही होगा। उम्मीद है कि इतना कष्ट सहने के बाद भविष्य में कुछ बेहतर ही होगा।

ज्ञान प्रकाश

देश की जनता कष्ट सहकर भी प्रधानमंत्री जी के साथ है। मैं भी सुबह से लाइन में लगा हूं। नंबर आएगा तो पैसा मिलेगा। उतना चाहिए जिससे घर चल जाए। अधिक की जरूरत नहीं है।

गोपालजी

अगर कोई बीमार है या उसके घर में कोई आयोजन है तो प्रूफ देखकर अलग से कैश दिलाया जा रहा है। सभी की सुनी जा रही है। एटीएम भी लोगों की सहूलियत के लिए शुरू कराए गए हैं। लोग आरटीजीएस नेफ्ट, चेक और ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।

यूएन त्रिपाठी, डिप्टी ब्रांच मैनेजर, एसबीआई मेन ब्रांच