- सभी ने कहा महंगाई कम कराने वाला होना चाहिए एमपी

Meerut: डायन महंगाई ने आम पब्लिक की कमर तोड़ दी है। इस पर लगाम लगाने में किसी भी सांसद ने अपना कोई योगदान नहीं दिया। विपक्ष भी केवल इस मुद्दे को वोट बैंक के रुप में भुनाना चाहता है। जनता हित में कोई भी लोकसभा में महंगाई पर बड़ी बहस नहीं हुई है। जब आई नेक्स्ट की टीम ने लोगों से एमपी के चुनाव के बारे में पूछा तो सिटीजन ने कहा है कि ऐसा एमपी चुना जाएगा जो महंगाई विषय को गंभीरता से लेकर संसद में महत्वपूर्ण कदमठाएगा।

हमारी आवाज उठाए

विकलांगों के हित में प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया। एमपी ने भी कोई आवाज संसद तक नहीं उठाई। नितिन माहेश्वरी का कहना है कि मेरा एमपी ऐसा होना चाहिए जो विकलांगों की आवाज संसद तक उठाए। ऐसा नहीं कि जीतने के बाद दिखाई देना बंद हो जाए। विकलांग भी इस बार देश की राजनीति और एमपी कुर्सी के लिए बड़ा बदलाव करेंगे।

महंगाई पर गंभीर हो एमपी

महंगाई विषय पर हमारे एमपी बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। देश में महंगाई चरम पर है, लेकिन बावजूद इसके सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधने के अलावा कुछ नहीं करते। आदर्शनगर निवासी निशांत कांबोज का कहना है कि महंगाई रोकने के लिए एमपी को लोकसभा में प्रमुखता से आवाज उठानी चाहिए। यदि उनकी मांग नहीं सुनी जाती तो बहिष्कार कर देना चाहिए। तभी महंगाई रुक सकती है। महंगाई कम करने वाले एमपी का चयन करुंगा।

नेताओं को दूंगा वाेट से जवाब

लोकसभा चुनाव में महंगाई को वोट से जवाब दिया जाएगा। आबूलेन पर रहने वाले महेश यादव ने कहा कि जितने भी नेता आए और गए सभी ने महंगाई के मुद़्दे पर केवल राजनीति की है। ऐसे नेताओं की हमें जरुरत नहीं है। सत्ताधारी पार्टी रेट बढ़ाती है और विपक्ष विरोध कर जनता की वाह-वाह लूटता है। सभी को सबक सिखाया जाएगा।

महंगाई पर रोक के लिए आगे आए

चुनाव जीतने के बाद लोकसभा के पहले सत्र में हमारा एमपी महंगाई के मुद्दे पर बहस करने वाला होना चाहिए। कंकरखेड़ा निवासी दुर्लभ दर्शन ने कहा कि महंगाई बहुत गंभीर विषय है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एमपी को आगे आने की जरुरत है। महंगाई प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि केंद्र सरकार का विषय है। इस पर रोक करने के लिए एमपी ही अपना योगदान दे सकते हैं।