- लोकसभा चुनाव के सजे रण में पब्लिक भी उतरने को तैयार

- आई नेक्स्ट ने टटोली जनता की नब्ज, भ्रष्टाचार बड़ा इश्यू

>Meerut: चुनाव का रंग गहरा होने लगा है। राजनीति दल पब्लिक के हमदर्द बनने को रात दिन एक किए हैं। बात देश की हो या अपने मेरठ की, लोस चुनाव की चर्चा से माहौल गरम है। नेता जी तमाम वादे कर रहे हैं, पहले बहाई गई विकास की गंगा का गुणगान करने में लगे हैं। लेकिन जनता क्या चाहती है, क्या उसके मन में है, जनता जनार्दन के क्या अपने मुद्दे है, इस पर अभी राजनीति दलों का ध्यान नहीं गया है। लेकिन आईनेक्स्ट ने जनता की बात और उनके मुददों को उठाने की पहल शुरू की है। सोमवार को सिटी के कई कालोनियों में आईनेक्स्ट की टीम जनता के बीच पहुंची और उनके मन को टटोला। अब पब्लिक के मन की बात आपके सामने है।

जनता तय करे चुनावी मुददे

वोटर को लुभाने के लिए राजनेता आए दिन जनसभा कर रहे हैं, अपने मंच से वह अपनी पार्टी के मुददों का भी बखान जमकर कर रहे हैं। मेरठ में पिछले दो माह में कई ऐसे मौके पब्लिक के सामने आए जब बड़ी पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने जमकर वायदों और इरादों की बरसात पब्लिक पर की। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू देखिए,्र पब्लिक खुद इस बार अपने मुददे तय कर चुनाव में अपनी भागीदारी चाहती है। जनता खुद मुददों को सामने रखकर उनका समाधान चाहती है।

क्या है भ्रष्टाचार का हल

आईनेक्स्ट की टीम ने पब्लिक से लोक सभा चुनाव के संबंध में चर्चा शुरू की तो, पब्लिक ने भी अपने दिल की बात को शब्दों में बाहर निकाला। चुनावी मुददों पर चर्चा शुरू होते ही अधिकांश लोगों ने भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा चुनावी मुददा माना। लोगों ने भ्रष्टाचार पर बात शुरू होते ही अपने साथ घटित हुई कई घटनाएं भी सामने रखी। साथ ही सरकारी आफिसों में व्याप्त भ्रष्ट तंत्र की काली कहानी को बयां किया। अधिकांश ने माना कि नेता अपना चुनावी एजेंडा पब्लिक के सामने रखकर वोट की उम्मीद और अपील कर रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के नाश के लिए उनके पास क्या नया है, इसका अभी तक किसी दल से जबाव नहीं मिला है।

वायदा नहीं इरादा भी हो

लोस चुनाव को लेकर लोगों की जिज्ञासा इस बार काफी ज्यादा देखने को मिल रही है। लेकिन जिज्ञासा के साथ इस बार पब्लिक जागरूक भी दिख रही है। सोमवार को इसका कई बार नजारा पब्लिक ने दिखाया। लोगों ने बातचीत में जहां भ्रष्टाचार को अपने चुनावी एजेंडे में सबसे ऊपर रखा, वहीं वायदों के साथ चुनावी रण में उतरने वाले राजनीति के शूरमाओं को आइना भी दिखाया। लोगों ने कहा कि अब वायदों से काम चलने वाला नहीं है, वायदों को पूरा करने का इरादा भी दिखाना होगा। काम सिर्फ योजनाओं को बनाने तक सीमित ना हो, बल्की पब्लिक को भी राहत और लाभ मिलना चाहिए।

देने होंगे जबाव

लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटे नेताओं को इस बार जनता के सवालों और उनके मुददों के समाधान के लिए भी तैयार रहना होगा। लोगों के अनुसार इस बार प्रत्याशी को हाथ जोड़कर वोटर मिलने वाला नहीं है। उसको पब्लिक के बीच में आकर अपनी बात रखनी होगी और अपने मेरठ के लिए उसके पास क्या होगा बताना होगा। साथ ही पब्लिक क्या चाहती है, उसकी समस्याओं का कैसे हल होगा, क्या चुनाव जीतने के बाद भी जनता के बीच प्रत्याशी ऐसे ही दर्द जानने के लिए पहुंचेगा। लोगों के अनुसार प्रत्याशी को जनता की बात का जबाव देना ही होगा।