RANCHI: राज्य सरकार की जन कल्याण योजनाओं को आमलोगों तक पहुंचाने में सबसे बड़े ब्रेकर बन कर स्थानीय बैंक उभरे हैं। बैंक रूपी इन ब्रेकरों को पार करना योजनाओं के लिए नामुमकिन तो साबित नहीं हो रहा, लेकिन उनकी गति काफी धीमी हो जा रही है। इन बैंकों के कारण सरकार की कोई भी कल्याणकारी योजना धरातल पर उतरने में फेल हो जा रही है। इस संबंध में लगातार राज्य सरकार को जनसंवाद समेत जिला प्रशासन के माध्यम से शिकायतें मिल रहीं हैं और बैंक अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन नतीजा शून्य रहा है।

लाभुक को दौड़ा रहे बैंक

राज्य सरकार के समक्ष पहले भी कई बार बैंको द्वारा लोगों को दौड़ाने की शिकायतें मिली हैं। इसके बाद सीएम रघुवर दास ने पर्सनली सभी बैंक अधिकारियों, बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रंबधकों, उप महाप्रबंधकों को इस संबंध में हिदायत दी थी। बैंकों में सरकार की तरफ से राशि जमा होने के बाद भी लाभुकों को पूरी राशि नहीं मिल पा रही है।

पीएमवाई में ज्यादा शिकायतें

विभिन्न बैंकों के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। कहीं-कहीं लाभुक के खाते में किस्त की राशि आने के बाद भी उन्हें पूरी राशि नहीं दी जा रही है। इससे आवास निर्माण का काम धीमा हो जा रहा है। इसके पीछे बैंकों में राशि की कम उपलब्धता बताई जाती है, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। सरकार का निर्देश है कि जब लाभुक आए तो तत्काल उसे पूरी राशि का भुगतान किया जाए, ताकि वह तेजी से आवास बनवा सके

आधार सीडिंग में नोडल अधिकारी

आधार सीडिंग मामले में मुख्यालय व जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी को लगाया जा रहा है। खातों को आधार से जोड़कर जिन खातों में परेशानी आएगी केवल उन्हीं खातों को शाखा में भेजा जाएगा। बीडीओ द्वारा प्रमाणित करने पर आधार सीडिंग में आनाकानी नहीं की जा सकती।

वृद्धा पेंशन व सखी मंडल लोन में दिक्कत

बैंको से मिल रही शिकायतों में वृद्धा पेंशन की भी काफी शिकायतें हैं। समय पर सभी को पेंशन रीलिज नहीं किया जा रहा। इसके साथ साथ सखी मंडल को लोन देने में भी काफी परेशान किया जा रहा है। लोन मिलने से सखी मंडल अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी। मुद्रा लोन में भी डिफॉल्टर काफी कम है।

बैंक बना रहा विलफुल डिफॉल्टर लिस्ट

बैंकों द्वारा विलफुल डिफॉल्टर की लिस्ट तैयार की जा रही है। सरकर के निर्देश के बाद इस कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। यह सूची जिले केउपायुक्त को दी जाएगी। लोन वसूली में उपायुक्त के आदेश पर जिला प्रशासन से मदद ली जाएगी। अब तक यह काम निजी संस्थाओं द्वारा किया जाता है।

क्या कहते हैं योजनाओं के लाभुक

बैंक के लोग बहुत दौड़ाते हैं। वृद्धा पेंशन लेने के लिए हर माह दौड़ना पड़ता है। पैसा मिलता है तब जाकर घर का राशन पानी ला पाते हैं। किससे फरियाद करें, कुछ समझ नहीं आता।

-पार्वती उरांव, मिसिर गोंदा

सरकारी बैंक से लोन लेना हो, तो लगता है आसमान छूना पड़ेगा। बहुत दौड़ाते हैं और लास्ट में कह देते हैं नहीं होगा, जबकि निजी बैंक आसानी से लोन दे देते हैं। सस्ता लोन के कारण सरकारी बैंक का चक्कर काटना पड़ता है। कोई सरकारी सुविधा बैंक द्वारा आसानी से नहीं मिलती है।

-विश्वास खोया, हातमा, कांके रोड