हृतिक मानते हैं कि ऐसा कोई भी काम करने पर लोगों को इस बारे में ज़रूर बताना चाहिए। वो कहते हैं, “जब लोग दान देते हैं तो वो उस बारे में बात नहीं करते। मैं भी पहले ऐसा ही सोचता था। लेकिन अब मेरी सोच बदल गई है। जब भी आप दान दें तो उसके बारे में चिल्ला-चिल्ला कर बताना चाहिए ताकि लोग आपका अनुसरण करें.”

हृतिक ने पिछले दिनों मुम्बई के जुहू स्थित दिलखुश स्कूल के बच्चों के लिए एक बस दी। ये स्कूल मानसिक रूप से कमज़ोर बच्चों के लिए है और हृतिक इसके साथ काफ़ी समय से जुड़े हैं। इस मौके पर हृतिक ने अपने स्कूली दिनों को भी याद किया।

उन्होंने कहा, “कई बच्चे, जिनके पास आने-जाने का कोई साधन नहीं है, वो बांद्रा से भी यहां आते हैं और बारिश के दिनों में इसमें मुश्किल होती है। मुझे ख़ुशी है कि मेरे ज़रिए उन्हें एक ऐसा साधन मिला है जिससे वो एक साथ सफ़र कर सकते हैं, अब वो एक साथ पिकनिक पर भी जा सकते हैं। मुझे याद है कि जब मैं स्कूल बस से जाता था, मुझे बहुत अच्छा लगता था क्योंकि सब दोस्त एक साथ सफ़र करते थे.”

बच्चों ने हृतिक के लिए एक डांस पर्फ़ोमेंस दी। हृतिक ने कहा, “कई बार मैं अपने स्टेप्स भूल जाता हूं लेकिन इन बच्चे ने कोई ग़लती नहीं की, ये आसान काम नहीं है। इन्होंने बहुत अच्छा डांस किया है.”

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