कैदियों को दिया जाये अधिकार
फैसले के मुताबिक, कैदियों को वैवाहिक संबंधों के दायरे में सेक्स करने का अधिकार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कैदियों को कृत्रिम गर्भाधान का भी अधिकार है. हालांकि संबंधित राज्य सरकार ही तय करेगी कि किस कैटिगरी के कैदियों को ये अधिकार दिए जाएं. आपको बताते चलें कि कई देशों में कैदियों को सेक्स के लिए जेल से बाहर जाने या कृत्रिम गर्भाधान का अधिकार मिला हुआ है लेकिन इंडिया में अभी इसकी इजाजत नहीं है. जस्टिस सूर्य कांत की बैंच ने यह आदेश पटियाला की सेंट्रल जेल में कैद जसबीर सिंह और सोनिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

क्या था मामला
जसबीर और सोनिया को होशियारपुर के 16 वर्षीय लड़के को किडनैप कर उसकी हत्या करने के जुर्म में उम्र कैद हुई है. दोनों पटियाला सेंट्रल जेल में हैं. हाल ही में दोनों ने हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी कि वे साथ रह कर बच्चे पैदा करना चाहते हैं. याचिका में जसबीर ने कहा था कि वह अपने परिवार का इकलौता बेटा है और अपना वंश आगे बढ़ा चाहता है. उसके मुताबिक, सोनिया के साथ शादी के महज आठ माह बाद ही दोनों को सजा हो गई थी. दोनों चाहते थे कि जेल प्रशासन उनके साथ रहने का बंदोबस्त करे. याचिकाकर्ता के मुताबिक, वे केवल अपनी यौनइच्छाओं की पूर्ति के लिए ही साथ रहना नहीं चाहते हैं.

याचिका हुई खारिज
हालांकि इस पूरे मामले में रोचक बात यह भी रही कि कोर्ट ने जसबीर और सोनिया की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि जसबीर-सोनिया का अपराध देखते हुए उन्हें साथ रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती. लेकिन जनहित में व्यवस्था दी कि जेल में रह रहे शादीशुदा लोगों को साथ रहने की अनुमति दी जाना चाहिए. कोर्ट का कहना है कि किसी भी कैदी का सेक्स करने का अधिकार जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के दायरे में आता है, जिसकी गारंटी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दी गई है.

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