कोटद्वार हाइवे को फोरलेन करने पर मामला फंसा

एनएचएआई ने दो गांवों में फ्लाईओवर बनाने से मना किया

अगले महीने से शुरू होना है भूमि का अधिग्रहण

Meerut। मेरठ-कोटद्वार नैशनल हाईवे 119 को फोर लेन बनाए जाने पर नया पेच फंस गया है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस मार्ग पर पड़ने वाले मेरठ जिले के गांव इंचौली और सैनी में फ्लाईओवर बनाने से मना कर दिया है। कारण, मौैके पर दी गई सड़क की 36 मीटर जमीन ही वास्तव में कुल 12 मीटर निकली है और शेष 24 मीटर में तमाम निर्माण हो चुके हैं, जिनके मुआवजे पर सवाल खड़ा हो गया है।

अगले महीने अधिग्रहण

इस काम के लिए शासन की ओर से किसानों की जमीन अवार्ड होने के बाद गजट भी जारी हो चुका है। अब जिला प्रशासन जुलाई से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ करने की तैयारी में है। ऐसे में नया संकट इस काम में रुकावट बन सकता है।

सैंकड़ों निर्माण आड़े

इंचौली और सैनी गांव में सड़क से सटकर बने निर्माण इस फ्लाईओवर के आड़े आ रहे हैं। एनएचएआई और प्रशासन की टीम ने अधिग्रहण को लेकर मौके का निरीक्षण किया, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। भूमि अध्याप्ति विभाग के प्रारंभिक सर्वे में पता चला कि अवार्ड की गई जमीन में तो इन दोनों गांवों में पक्के मकान बने हुए हैं। इनमें से ज्यादातर बहुत पुराने हैं। इन निर्माणों में इंचौली थाना और कई अन्य सरकारी कार्यालय की इमारतें भी हैं। फ्लाईओवर के लिए इन्हें तोड़ना पड़ेगा, लेकिन इनके मुआवजे का निर्धारण नहीं हुआ है।

पीडब्ल्यूडी के दावों में फेर

नेशनल हाइवे घोषित होने से पहले यह मेरठ-बिजनौर स्टेट हाइवे था, इस हाइवे का निर्माण एवं रखरखाव पीडब्ल्यूडी के पास था। एनएचएआई के परियोजना अधिकारी दिनेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की ओर से सौंपे गए अधिकार पत्र में सड़क की चौड़ाई 36 मीटर दर्शायी गई है, जबकि मौके पर सड़क की चौड़ाई 12 मीटर ही है। दोनों गांवों में हाइवे के निर्माण के लिए 46-47 मीटर की चौड़ाई पर्याप्त होगी। ऐसे में गजट के तहत एनएचएआई को करीब 10 मीटर अधिग्रहण दोनों गांवों के बीच में करना पड़ेगा।

फ्लाईओवर मुमकिन नहीं

चतुर्वेदी ने बताया कि प्रोजेक्ट को लेकर डिटेल्ड डिजाइन बन चुका है। अथॉरिटी से अप्रूवल के बाद डिजाइन में बदलाव संभव नहीं है। ऐसे में सैनी और इंचौली गांव में फ्लाईओवर का निर्माण छोड़ना ही पड़ेगी। इसके अलावा, दूसरा संकट मुआवजे को लेकर भी होगा। एनएचएआई गांवों के बीच में महज 10 मीटर भूमि के अधिग्रहण का ही मुआवजा देगा।

प्रशासन करा रहा नापजोख

मेरठ के एडीएम (लैंड एक्विजिशन) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मेरठ-कोटद्वार हाइवे को लेकर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही प्रगति पर है। जुलाई से अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इंचौली और सैनी गांवों में सड़क के सटे निर्माणों की नापजोख कराई जा रही है।

5 अप्रैल 2017 को केंद्र ने मेरठ-कोटद्वार को 4 लेन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

135 किलोमीटर लंबा है हाइवे

प्रथम चरण में मेरठ से नजीबाबाद तक काम होगा।

1204 करोड़ रुपये है परियोजना की लागत

25 गांवों की जमीनों का होगा अधिग्रहण मेरठ में