-विभागीय कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने तैयार किये दो सॉफ्टवेयर व एप

-ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन, बिलिंग व पेमेंट चाणक्य सॉफ्टवेयर के जरिए

-विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर से विभागीय कार्य, बाज एप से होगी काम की निगरानी

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VARANASI

ई-गवर्नेस को बढ़ावा देने और विभागीय कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने दो नए सॉफ्टवेयर और एक एप तैयार किया है। चाणक्य सॉफ्टवेयर के जरिए विभागीय ठेकेदारों का रजिस्ट्रेशन, बिलिंग और पेमेंट किया जाएगा। जबकि विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर विभाग में काम का बंटवारा, बजट की मांग, उसका अनुमोदन और आवंटन का कार्य करेगा। वहीं बाज एप पीडब्ल्यूडी के निर्माण कार्यो की निगरानी के लिए बनाया गया है। इसे दोनों नये सॉफ्टवेयर से लिंक भी किया जाएगा। चाणक्य और विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर के लिए लोक निर्माण विभाग ने डाटा फीडिंग का काम शुरू कर दिया है। वहीं बाज एप सिस्टम फिलहाल प्रॉसेस में है। जून में इसके शुरू होने की उम्मीद है।

बाज से पब्लिक को मिलेगा 'परवाज'

इसमें बाज एप मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकेगा। इसके माध्यम से पब्लिक पीडब्ल्यूडी के किसी भी कार्य की गुणवत्ता, सड़क पर बने गढ्डों आदि की फोटो लेकर इस एप के माध्यम से विभाग को भेज सकेगी। उसकी शिकायत पर विभाग तुरंत कार्रवाई करेगा। एप का संचालन लखनऊ स्थित पीडब्ल्यूडी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से होगा। एप पर शिकायत मिलते ही उस एरिया के अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को जानकारी देकर समाधान कराया जाएगा। पब्लिक इन अफसरों से सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है।

कम होगा वर्क प्रेशर

दरअसल, अभी तक पीडब्ल्यूडी में सभी काम कागजों पर होते हैं। ऐसे में कई बार निर्माण, बिलिंग, पेमेंट समेत कई जरूरी काम फाइलों के जाल में उलझ जाते हैं। कई बार पुरानी फाइलें खराब भी हो जाती हैं। जिससे रिकॉर्ड खोजने में कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। विभागीय अफसरों के मुताबिक चाणक्य और विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर से वर्क प्रेशर कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। ठेकेदारों की बिलिंग और पेमेंट स्टेटस एक क्लिक पर देखा जा सकेगा। समयबद्ध काम होंगे। साथ ही डिवीजनवाइज कार्यो का बंटवारा करने में भी सहूलियत होगी।

अभी तक है यह व्यवस्था

अभी तक डिस्ट्रिक लेवल पर एक्सईएन और मंडल स्तर पर अधीक्षण अभियंता या चीफ इंजीनियर से शिकायत कर सकते हैं। विभागीय कमियां और सुझाव व्हाट्स एप नंबर 7991995566 पर भेज सकते हैं। साथ ही उप मुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य की ई-मेल आईडी complaindycm@gmail.com पर भी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

इन िशकायतों की अधिकता

- सड़कों में बने गढ्डे

- सड़कों का असमतल होना

- गुणवत्ता की कमी

- ठेकेदारों की कार्यप्रणाली

- समय से पहले खराब होना

- रोड निमर्1ाण में देरी होना

एक नजर

5

डिवीजन हैं पीडब्ल्यूडी के

40

सड़कें हैं शहर में

4 से 30

साल तक सड़कों की लाइफ

2

सॉफ्टवेयर हुए तैयार

10

शिकायतें औसतन महीने में

चाणक्य और विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर में डाटा फीडिंग का काम चल रहा है। बाज एप भी जल्द ही मोबाइल पर उपलब्ध होगा। ई-ऑफिस सिस्टम के तहत विभाग को पेपरलेस करने की दिशा में यह प्रभावी कदम है।

वीके श्रीवास्तव, एसई, पीडब्ल्यूडी