आगरा। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि टीटीजेड एरिया में पौधारोपण के समय उनके पानी और रखरखाव का विशेष ख्याल रखा जाए, लेकिन जिले के आला अफसरों के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश कोई मायने नहीं रखता है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिले में पौधारोपण को लेकर यहां के हुक्मरान ही गंभीर नहीं हैं, तो ये क्या करें? सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिले में प्रति वर्ष लाखों की संख्या में पौधारोपण किया जाता है, लेकिन धरातल पर ये दिखाई नहीं देते हैं।

जिले की पौधारोपण समिति के मुखिया हैं डीएम

जिले को हरा-भरा बनाए रखने को जिला स्तर पर जिला पौधारोपण समिति बनाई गई है। चूंकि ताज नगरी टीटीजेड एरिया में आता है, तो पौधारोपण का महत्व ज्यादा बढ़ जाता है। इस समिति के अध्यक्ष डीएम पंकज कुमार हैं, जबकि डीएफओ कृष्ण कुमार सिंह सचिव हैं। जिले के सभी सरकारी विभागों विभागाध्यक्ष इस समिति के सदस्य हैं। समय-समय पर डीएम इस समिति की मीटिंग कर पौधारोपण के दिशा-निर्देश जारी करते हैं। इसके बावजूद जिले में पौधारोपण नजर नहीं आता है। इसका जबाव तो सरकारी अफसर ही दे सकते हैं कि आखिरकार पौधे कहां गए?

डीएम साहब ने 15 अगस्त, 2014 को रोपा था पौधा

जिला पौधारोपण समिति के अध्यक्ष डीएम पंकज कुमार ने 15 अगस्त 2014 को पौधा रोपा था। शुरुआत में इस पौधे के रखरखाव के लिए ट्री गार्ड भी लगाया गया था, लेकिन बाद में पौधे का कहीं अता-पता नहीं लगा, अब ट्री गार्ड कार के गैरेज में रखा ही नजर आता है।

31 अगस्त 2015 तक रोपने हैं छह लाख, 47 हजार, 300 पौधे

सोमवार दोपहर को कलेक्ट्रेट स्थित मीटिंग हॉल में जिला पौधारोपण समिति की मीटिंग डीएम पंकज कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें डीएम 31 अगस्त 2015 तक जिले में छह लाख, 47 हजार, 300 पौधे लगाए जाने हैं। इनको 998 हेक्टेयर भूमि पर किया जाना है।

डीएफओ के पास पौधों की मौजूदा उपलब्धता

विभागीय अफसरों का दावा है कि उनके पास मौजूदा समय आठ लाख 89 हजार पौधे उपलब्ध हैं। सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जनपद का कुल क्षेत्र 4.27 वर्ग किमी। में फैला हुआ है। मौजूदा समय में केवल 2.73 फीसदी एरिया में ही पौधे हैं।

सिटी में योजनाओं की भेंट चढ़ गए हजारों पेड़

सिटी में शासन की कई योजनाएं प्रस्तावित हैं, इनके क्रियान्वयन में अभी तक सैंकड़ों पेड़ भेंट चढ़ चुके हैं। इसमें ताजगंज प्रोजेक्ट, आगरा-दिल्ली हाइवे का सिक्सलेन किया जाना, सदर तहसील के भवन निर्माण, फतेहाबाद रोड का चौड़ीकरण किया जाना, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस, रिंग रोड योजना आदि में अभी तक तमाम पेड़ काटे जा चुके हैं।