किसके दबाव में अतिक्रमण अाियान में रुक जा रहा निगम का बुलडोजर

PATNA : अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे अभियान पर सवाल खड़ा हो गया है। प्रभावशाली लोगों तक पहुंचने से पहले निगम के बुलडोजर का पहिया थम जा रहा है। बोरिंग रोड और बोरिंग कैनाल रोड पर अभियान के बाद भी एक दर्जन से अधिक अतिक्रमण हैं जहां कार्रवाई नहीं होने से निगम चर्चा में है। इससे दुकानदारों में भी असंतोष है। इससे पूर्व भी अतिक्रमण दस्ते के ऊपर पर भेदभाव और मनमानी का आरोप लगा था। जिसमें सिसोदिया भवन के मालिक डॉ। संजीव कुमार ने इस पूरे अभियान को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

नेताजी के पास नहीं फटका दस्ता

अतिक्रमण हटाने में सक्रिय नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम वेस्ट बोरिंग कैनाल रोड पर अपनी कार्रवाई को लेकर सवालों में घिर गई है। निगम पर आरोप लग रहा है कि रसूखदारों, बाहुबलि और नेताओं के अवैध निर्माण के पास अतिक्रमण हटाने वाला निगम का दस्ता फटक भी नहीं रहा है। सूर्या बागेश्वरी भवन की बाउंड्री को 15 फीट तक तोड़ डाला गया। लेकिन इसके बाद पांच मकान और करीब आधे दर्जन दुकानों पर मेहरबानी कर दी गई है। इन्हीं मकानों के बीच में नेताजी का निजी अस्पताल संचालित है। यह अस्पताल और उसकी बाउंड्री सड़क के संपर्क में आ रही है।

दिख रहा पटना नगर निगम का दोहरा रूप

बोरिंग रोड पर दीप गोविंद कॉप्लेक्स और त्रिभुवन दास भीम ज्वैलरी की बाउंड्री 11 फीट एक इंच तोड़ दी गई। इससे आगे की दुकान और उसकी बाउंड्री के हिस्से में मात्र छह फीट गिराने पर विचार बना। हालांकि यह अतिक्रमण नहीं गिराया जा सका। इसी अतिक्रमण में सेल की दुकान है जो निगम के चहेते बताए जा रहे हैं। इसी रूट में कई स्थानों पर बाउंड्री गिराने में भेदभाव किया गया।

राजधानी का कोई भी अतिक्रमणकारी नहीं बच पाएगा

अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम में कुछ लोगों को राहत देने और कुछ लोगों की दुकान और मकान तोड़ने के मुद्दे पर जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने नगर निगम के अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद से बात की तो उनका जवाब कुछ ऐसा रहा

सवाल: शहर में हटाए जाने वाले अतिक्रमण में नगर निगम का दोहरा रूप देखा जा रहा है।

जवाब: देखिए, यह कार्रवाई एक प्रक्रिया के तहत चल रही है। अतिक्रमण हटाने की एक बड़ी प्रक्रिया है। जिसके तहत जिला प्रशासन के सहयोग में यह काम चल रहा है।

सवाल: कुछ मकान और दुकानों को तोड़ा जा रहा है तो कुछ लोगों को राहत दी जा रही है। ऐसा क्यों?

जवाब: काफी विचार विमर्श के बाद यह मुहिम चलाई जा रही है। जिसका नेतृत्व खुद कमिश्नर कर रहे हैं। इसलिए किसी प्रकार की त्रुटि का कोई सवाल नहीं है।

सवाल: फिर एक ही स्थानों के दो मकानों के अतिक्रमण पर एक ही पर कार्रवाई क्यों?

जवाब: हम मानते हैं कि कुछ स्थानों पर अतिक्रमण हटाने में निगम से छूट गया होगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह अतिक्रमण नहीं हटेगा।

सवाल: तो क्या हम मानें कि भविष्य में ऐसे अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे, जो छूट गए हैं?

जवाब: बिलकुल, जब हम पारस हॉस्पिटल की बाउंड्री पर कार्रवाई कर सकते हैं तो हमसे कोई भी अतिक्रमणकारी नहीं बचेगा। यह प्रक्रिया जारी रहेगी और विधि संवत पूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा।