दनादन फाइल हो रही है आरटीआई
डीडीयू के जनसूचना विभाग में इन दिनों आरटीआई का दौर चल रहा है। स्टूडेंट्स अपनी कॉपियों को देखने के लिए दनादन आरटीआई लगा रहे हैंं। इसमें सबसे ज्यादा तादाद मैथ्स के स्टूडेंट्स की है। नाम न छापने की शर्त पर आरटीआई फाइल करने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्होंने अपने सभी पेपर काफी अच्छे किए थे। फर्स्ट पेपर में तो उन्हें अच्छे नंबर मिले लेकिन सेकेंड पेपर में सिर्फ 2 नंबर ही मिले हैं। जबकि उसका सेकेंड पेपर ही सबसे अच्छा हुआ था। इसकी वजह से उन्हें अपनी कॉपी देखने के लिए आरटीआई फाइल करनी पड़ी। ऐसा सिर्फ एक स्टूडेंट के साथ नहीं है बल्कि यूनिवर्सिटी के सैकड़ों स्टूडेंट्स इस मनमानी का शिकार हुए हैं और उन्होंने इसके लिए आरटीआई फाइल कर रखी है।

सबसे ज्यादा मैथ्स की कॉपियां
यूनिवर्सिटी में महज 20 दिनों में 150 आरटीआई फाइल हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा तादाद मैथ्स के स्टूडेंट्स की है। इस मामले में स्टूडेंट्स का कहना है कि मैथ्स स्ट्रीम की कॉपियां सही तरीके से नहीं जांची गईं हैं, यही वजह है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स को कम मार्क्स ही मिलें हैं और उन्हें आरटीआई का सहारा लेना पड़ रहा है। अगर कॉपियां ठीक से चेक की गई होती तो ऐसा नहीं होता। कम नंबर पाने वालों में दूसरी सबसे बड़ी तादाद लॉ के स्टूडेंट्स की है। जिनको भी आरटीआई का सहारा लेना पड़ रहा है।

सैटिस्फाई नहीं हैं स्टूडेंट्स
गलत नंबर चढ़ने की प्रॉब्लम की वजह से स्टूडेंट्स को आरटीआई फाइल करनी पड़ी, लेकिन स्टूडेंट्स को इसका कोई खास फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है और उन्हें सिवाय निराशा के कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। हां अलबत्ता आरटीआई लगाने से कम से कम यह पता चल जा रहा है कि यह गलती उनके लेवल पर है या यूनिवर्सिटी के लेवल पर। इसके सिवा उनको एक पैसे का भी फायदा नहीं हो पा रहा हैं। वह इसलिए कि आरटीआई के थ्रू वह सिर्फ अपनी कॉपी ही देख पा रहे हैं, लेकिन न तो वह किसी भी सवाल के जवाब पर टीचर्स द्वारा दिए गए नंबर्स को चैलेंज कर सकते हैं और न ही उसे बढ़ाने के लिए कह सकते हैं। आरटीआई से उन्हें सिर्फ इतना ही फायदा मिल रहा है कि अगर उनके टोटल नंबर के कैलक्युलेशन में कोई प्रॉब्लम हुई है तो उसे वह ठीक करा सकते हैं।

आप भी देख सकते हैं अपनी कॉपी
अगर आप भी डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी या इससे एफिलिएटेड कॉलेज के स्टूडेंट है और आप अपने रिजल्ट से सैटिस्फाई नहीं हैं, तो आप भी आरटीआई के थ्रू अपनी कॉपी देख सकते हैं। इसके लिए आपको जन सूचना अधिकारी के नाम कॉपी देखने के लिए एक एप्लीकेशन देनी होगी और साथ ही डीडीयू से 10 रुपए का चालान कटवाना होगा। इसको जमा करने के बाद डीडीयू की ओर से आपको कॉपी देखने के लिए एक डेट और टाइम दिया जाएगा, जिस दौरान जाकर आप अपनी कॉपी को देख सकते हैं। अगर टोटल नंबर कैलक्युलेशन में कोई प्रॉब्लम है तो उसे ठीक करवा सकते हैं।


report by : syedsaim.rauf@inext.co.in