मानगो थाना एरिया स्थित माधवबाग कॉलोनी निवासी प्रीति नायडू के पड़ोसियों को जब घटना की सूचना मिली, तो उन्हें इस पर एकबारगी विश्वास ही नहीं हुआ। ट्यूजडे को जब मानगो थाना प्रभारी मामले की जांच करने माधवबाग कॉलोनी पहुंचे तो पड़ोसियों ने अपनी आशंका से उन्हें अवगत कराया और उनकी हर बात को अपने तर्क से काट दिया। पुलिस ने मामले की इन्क्वॉयरी तो शुरू कर दी है, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है, जिससे यह प्रूव हो सके कि यह सुसाईड है या मर्डर।

क्या कहते हैं प्रीति के पड़ोसी ?

पड़ोसियों का कहना था कि प्रीति काफी हसमुख लडक़ी थी। उससे सुसाईड की अपेक्षा नहीं थी। उन्होंने ेमामले की जांच करने की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने कई कारण गिनाए हैं।

पड़ोसियों के पास हैं कई तर्क

वे कहते हैैं कि घटना मॉर्निंग में हुई। उस वक्त घर में उनके नौकर चंद्रशेखर की वाइफ मौजूद थी। उसने प्रीति को नाश्ता दिया। पड़ोसी सवाल करते हैैं कि जो लडक़ी सुबह में नाश्ता करने के बाद फेसबुक पर चैट करती हो, और अपने पिकनिक की तस्वीर फेसबुक पर अपलोड करती हो, क्या वह सुसाईड कर सकती है।

घर में नहीं थे प्रीति के फादर

प्रीति के घर जाने पर वहां उसके पिता के रंगाराव से मुलाकात नहीं हो सकी। वहां चंद्रशेखर व उसकी वाइफ निभा के अलावा एक दूसरी बुजुर्ग महिला थी। चंद्रशेखर का कहना था कि बाबू (के रंगाराव) कहीं गए हैैं। थोड़ी देर में आ जाएंगे, लेकिन काफी देर तक वे नहीं पहुंचे।

पड़ोसियों ने जो उठाए सवाल

१.  जब प्रीति ने सुसाईड किया तो चंद्रशेखर की वाइफ ने अपने पड़ोसियों को क्यों नहीं जानकारी दी।

२। वहां सोसायटी का मुंशी काम करवा रहा था, उसे भी घटना की जानकारी नहीं हो पाई।

३। लगभग 12 बजे हुए इस सो-कॉल्ड सुसाईड की जानकारी पड़ोसियों व सोसायटी के लोगों को 2.30 बजे हुई।

४। प्रीति के पिता घर पहुंचे तो चंद्रशेखर व उसकी पत्नी को लटकी बॉडी के पास छोड़ थाने गए और वहां से लगभग 2.30 घंटे बाद पुलिस के साथ घर आए।

५। अगर किसी के बेटे-बेटी के साथ यह हादसा होता है, तो पिता की जो स्थिति होनी चाहिए वह रंगाराव की नहीं थी। वे पूरी तरह नॉर्मल थे।

६। सोसायटी में तीन-तीन डॉक्टर हैं, किसी की हेल्प नहीं ली गई। पड़ोसियों का कहना है कि प्रीति की लटकी बॉडी देखकर ही रंगाराव मान गए थे कि उसकी डेथ हो चुकी है।

क्या हुआ था घटना के एक दिन पहले

१। प्रीति के बारे में जानकारी लेने के लिए माली चंद्रशेखर ने 23 की इवनिंग उसकी फ्रेंड अंकिता को कॉल किया तो उसने बताया कि घर लौटने मेें थोड़ी देरी होगी. 

२। लगभग 6 बजे प्रीति ने चंद्रशेखर को फोन कर बताया कि वह घर पहुंच चुकी है।

३। घर आने पर प्रीति के पिता ने पूछा था कि लेट होने पर फोन क्यों नहीं किया, उसका जबाव था आप कहीं जाते हैैं, तो मुझे बोल कर जाते हैं।

(विवरण का आधार चंद्रशेखर द्वारा आई नेक्स्ट को दी गई जानकारियां हैं )

Suicide के वक्त घर में थी निभा

जब प्रीति ने सुसाईड किया तो, उस वक्त घर में केवल चंद्रशेखर की पत्नी निभा ही थी। वह कहती है कि मैैं बाहर थी। इस बीच फैक्ट्री का एक आदमी कुछ समान लेने आया। मैैं इस संबंध में जब प्रीति से पूछने उसके कमरे में गई तो वह फांसी से लटकी थी। निभा ने प्रीति के सुसाईड के बारे में उसे कुछ नहीं बताया। सबसे पहले उसने इस की जानकारी चंद्रशेखर को दी.  चंद्रशेखर ने प्रीती के पिता रंगाराव को इसकी जानकारी दी। लेकिन पुलिस के आने तक इस घटना के बारे मेें सोसायटी के लोगों को भनक तक नहीं लगी।

Students ने distribute की आई नेक्स्ट की प्रतियां

ट्यूजडे को आई नेक्स्ट में प्रीति से संबंधित खबर छपने के बाद उसके फ्रेंड्स ने मार्केट में आई नेक्स्ट की प्रतियां डिस्ट्रीब्यूट की। स्टूडेंट्स ने बिष्टुपुर मेन रोड पर छप्पन भोग के पास, डायगनल रोड, साकची गोलचक्कर के दोनों ओर व इवनिंग में जुगसलाई में भी लोगों के बीच प्रतियां डिस्ट्रीब्यूट की। स्टूडेंट्स ने प्रतियों पर लिख रखा था- वी वांट जस्टिस फॉर प्रीति, इट्स नॉट सुसाईड आदि। उन्होंने पुलिस की जीप को रोक कर भी आई-नेक्स्ट की प्रति सौंपी व इसमें हेल्प करने को कहा। इसके अलावा कार, बाइक व पैदल चल रहे लोगों को भी आई नेक्स्ट की प्रति दे कर पेज नंबर 1 व 4 पढऩे को कहा।

Eye witnesses ने जो कहा

घटना की सूचना मिलने के बाद प्रीति के घर पहुंचे पड़ोसी, जिनमें कुछ डॉक्टर्स भी थे, का कहना है कि उन्हें प्रीति की डेड बॉडी देख कर डाउट हुआ। उनके द्वारा उठाए गए सवाल।

१.पड़ोसियों का कहना था कि जिस तरह सीलिंग में गांठ बांधी गई थी, वह प्रीति के लिए संभव नहीं था।

२.उनका यह भी कहना था कि सीलिंग फैन पर थोड़ा भी वेट पडऩे से वह बेंड हो जाता है, क्योंकि मरने से पहले छटपटाहट होती है। लेकिन इस केस में ऐसा नहीं था।

३। प्रीति का पैर बेड से सटा था व घुटने भी मुड़े हुए थे।

४। उसकी आंखे भी बंद (अधखुली) थी।

५। मुंह से लार भी नहीं निकला था जो सुसाईड में आमतौर पर होता है।

कुछ अनसुलझे सवाल

१.पिकनिक से लौटने पर प्रीति द्वारा अपने फादर को दिए गए जवाब से यही आभास होता है कि दोनों में कुछ डिफरेंसेज थे।

२। मेड निभा ने प्रीति को सीलिंग फैन से लटके हुए सबसे पहले देखा, तो उसने शोर क्यों नहीं मचाया?

३। सोसायटी में तीन-तीन डॉक्टर हैैं, लेकिन किसी को क्यों नहीं खबर किया गया?

४। फोन न कर, किसी दूसरे के जरिए खबर न देकर खुद प्रीति के पिता थाना क्यों गए।

५। पिता ने तुरंत क्यों मान लिया कि  उसकी मौत हो चुकी है। डॉक्टर्स की हेल्प क्यों नहीं लिया।

६। पुलिस को बुलाने मेें दो से ढाई घंटे का समय क्यों लगा। क्या पुलिस वाले घटना स्थल पर आने में आनाकानी कर रहे थे?

साइकेट्रिस्ट की नजर से

१.अगर किसी को डांट पड़ी हो, तो वह तत्काल सुसाईड या कोई अन्य स्टेप लेगा, सोच समझकर नहीं।

२.कभी-कभी सुसाईड करने वाला खुद को नॉर्मल दिखाने का प्रयास करता है, ताकि किसी को कोई शक न हो।

३.15 से 20 मिनट में घुटन से डेथ होती है, तो मुंह से लार निकलते हैैं व दूसरे सिम्पटम्स दिखते हैैं। झटके से डेथ होने पर यह नहीं भी हो सकता है।

(डॉ संजय अग्र्रवाल, टीएमएच)

ASP ने की पूछताछ

पुलिस ने प्रीति नायडू के मौत की गुत्थी सुलझाने की दिशा में जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में मानगो थाना में सुसाईड का मामला दर्ज किया गया था। मामले में प्रीति के फ्रैैंड्स व डीएवी के स्टूडेंट्स द्वारा पुलिस से मुलाकात व मामले की इन्क्वॉयरी करने के अनुरोध के बाद जांच शुरू हुई है। इस मामले में ट्यूजडे को एएसपी राजीव रंजन सिंह प्रीति के घर पहुंचे। वहां उसके पिता केपी रंगाराव से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद एएसपी उनके घर रहने वाले चंद्रशेखर व उसकी वाइफ से पूछ-ताछ कर वापस लौट गए।

रंगाराव से नहीं हो सकी बात

इस मामले में जब रंगाराव से बात करने की कोशिश की गई तो वे घर में नहीं थे। उनके मोबाइल नंबर 9973781466 पर कॉल की गई तो कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया।

यह कहना है चंद्रशेखर की वाइफ निभा का

१। सुबह प्रीति उठी, तो उसका मूड ठीक था।

२.लगभग 10.30 से 11 बजे के बीच उसने नाश्ता किया।

३। इसके बाद ड्रॉइंग रूम में पढ़ रही थी।

४। मुझसे कहा भी कि चाची पढऩे का मन नहीं कर रहा, लगता है फेल

हो जाउंगी।

प्रीति के बारे में

१.प्रीति को उड़ीसा से एडॉप्ट किया गया था।

२.सुसाईड के बाद उसकी दोनों हथेलियों पर ब्लू कलर के निशान थे, (जैसा आई विटनेस ने बताया)।

३। ेसा निशान हाथों को जोर से पकडऩे पर हो सकता है। (आई विटनेस डॉक्टर का कहना है)।

४। वह पढ़ाई को लेकर कॉन्शस थी।

५। उसकी बेड के पास टाइम टेबल भी लगा था।

६। एग्जाम की तैयारी को लेकर की थी प्रॉपर प्लानिंग।

प्रीति के घर के लोगों से बात हुई। उनका कहना था कि सुबह तक वह नॉर्मल थी। मेड से मांग कर चाय पी, फिर अचानक देखा कि उसने सुसाईड कर लिया था। हमेंं कुछ प्वाइंट्स पर डाउट है, उसपर जांच की जाएगी। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

अरुण मिश्रा, थाना प्रभारी, मानगो

अभी मामले की जांच चल रही है। पुलिस केस को रीड कर रही है। हमलोग आज वहां गए थे। कई पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। जो भी सच्चाई ह, वो जल्द ही लोगों को पता चल जाएगा. 

राजीव रंजन सिंह

एएसपी

अभी बाबू सोए हैैं। वे काफी डिस्टर्ब हैैं। अभी किसी से बात नहीं करना चाहते। आप मॉर्निंग में आकर उनसे बात कीजिए।

चंद्रशेखर, (जब उसके सेल फोन पर कॉल कर के रंगाराव से बात कराने को कहा गया)