RANCHI: बच्चों को सोशल साइट्स, ऑनलाइन धमकी देने या उन्हें आपत्तिजनक सामग्री भेजने के मामलों में सोशल मीडिया कंपनियों को 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करनी है। केन्द्र सरकार द्वारा आदेश जारी होने के बाद अब राजधानी रांची में भी इसको लेकर जिला प्रशासन खासा सतर्क हो गया है और जल्द ही मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। विदित हो कि महिला व बाल विकास मंत्रालय की ओर से यह मुद्दा प्रमुखता से उठाए जाने के बाद मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ऑनलाइन धमकी के मामलों को गंभीरता से लें और उन पर तुरंत कार्रवाई करें।

आंकड़े देख पुलिस भी हैरान

महिला व बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन धमकी का सामना करने वालों में लड़के व लड़की दोनों शामिल हैं। वर्ष 2018 में करीब 22 फ सदी की तुलना में ऐसे मामले 37 फीसदी हो गए हैं। बच्चों को धमकी के करीब 32 प्रतिशत मामलों में वयस्क जिम्मेदार होते हैं।

हो रही है ये पहल

खाते होंगे बंद, ब्योरा लेगी पुलिस

रांची पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि अब इस तरह के मामले सामने आने पर संबंधित खातों को तत्काल बंद या सस्पेंड किया जाएगा। साथ ही मोबाइल कंपनियों को पूरा ब्योरा पु्लिस को 24 घंटे के भीतर देना होगा। पहले ब्योरा लेने में महीनों गुजर जाते थे और फिर मामला खटाई में पड़ जाता था। व्हाट्सऐप, ट्विटर या फेसबुक जैसे माध्यमों पर ऐसी धमकियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

चाइल्ड हेल्पलाइन में करें कंप्लेन

बच्चे या उनके संबंधी चाइल्ड हेल्पलाइन में शिकायतें कर सकते हैं। बाल संरक्षण आयोग या पुलिस के जरिए भी शिकायतें पहुंचती हैं। कुछ मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियां सीधे सोशल मीडिया कंपनियों से संपर्क कर सकती हैं। सिटी के साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि मुंबई में एक 12 साल के बच्चे को अश्लील सामग्री भेजकर उससे पैसे मांगे गए। बेंगलुरु में एक बच्चे को ऑनलाइन जान से मारने की धमकी दी गई।

1098 हेल्पलाइन नंबर

बच्चों को उत्पीड़न की घटनाओं पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन, मोबाइल नंबर या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर बच्चों को सिर्फ नाम, मोबाइल नंबर या ईमेल शिकायत में लिखनी होगी। हालांकि, राज्य बाल संरक्षण आयोग का इस मामले में कोई भी मैकेनिज्म कारगर नहीं है।

वर्जन

बच्चों को सोशल साइट्स के माध्यम से प्रताडि़त करने या धमकी देने के मामलों को पुलिस गंभीरता से लेती है। मोबाइल कंपनियों के साथ सम्पर्क कर प्रयास किया जा रहा है कि रिकार्ड जल्द मिले और 24 घंटे के भीतर कार्रवाई हो सके। पुलिस पूरी सख्ती के साथ ऐसे मामलों की छानबीन करती है।

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची