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LUCKNOW: जनरल इलेक्शन की डेट का ऐलान हो चुका है ऐसे में वोटर्स अपने मुद्दों को लेकर न केवल जागरुक हैं बल्कि वोट उसको देने की बात कर रहे हैं जो विकास की बात करेगा. कुछ ऐसे ही मुद्दे बुधवार को विभवखंड गोमतीनगर में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इन एसोसिएशन विद रेडियो सिटी 91.1 एफएम मिलेनियल्स स्पीक जनरल इलेक्शन 2019 के मंच पर सामने आए.

देश की सुरक्षा सबसे जरूरी
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर जनरल इलेक्शन को लेकर मुद्दों की बहस में बोलते हुए प्रवीण शर्मा बताती हैं कि वीमेन एमपॉवरमेंट की केवल बातें ही न की जाएं, जो भी गवर्नमेंट आती है वह केवल बाते ही करती है. सामने से कोई सुधार होता हुआ नजर नहीं आता है. इसलिए जो भी गवर्नमेंट आये वह हमारी बातों को सुने और उसपर गंभीरता से काम करे. तभी हमारा वोट उन्हें मिलेगा. कुछ ऐसा ही मुद्दा उठाया सुमन जुयाल ने. उन्होंने बताया कि वीमेन एमपॉवरमेंट को लेकर बातें नहीं काम होना चाहिए. वहीं सविता द्विवेदी कहती हैं कि आजकल जो माहौल चल रहा उसको देखते हुये जो भी गवर्नमेंट आए वह आर्मी के जवानों की सिक्योरिटी और उनको मिलने वाली सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दे. इसके साथ हमारी सेना को आधुनिक हथियारों से लैस करना चाहिए ताकि हमारे जवान आतंकवादियों का सफाया कर सकें. इसको लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.

एजुकेशन ऐसी हो जो सही जॉब दिलाए

 


वहीं मुद्दों की बात को आगे बढ़ाते हुये नूतन श्रीवास्तव कहती हैं कि चाइल्ड एजुकेशन में सुधार की सबसे ज्यादा जरूरत है. हायर एजुकेशन के बाद यूथ को सही और अच्छी जॉब नहीं मिल रही है, जिसके कारण यूथ में फस्ट्रेशन बढ़ रहा है. इसलिए गवर्नमेंट को चाहिए कि ऐसी पालिसी बनाए जो यूथ को न केवल क्वालिटी एजुकेशन दे बल्कि उसी फील्ड से रिलेटड जॉब भी मिले. इसके लिए एजुकेशन में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना होगा क्योंकि जब यूथ के पास सही जॉब होगी तभी देश का भी विकास होगा. वही एजुकेशन सिस्टम में सुधार के लिए सजेशन देते हुये सीमा श्रीवास्तव कहती हैं कि एजुकेशन सिस्टम एक होना चाहिए. इतनी तरह के बोर्ड बने हैं कि बच्चा भी कंफ्यूज्ड हो जाता है. कंप्टीशन को लेकर सही से तैयारी नहीं कर पाता है. इसके साथ गवर्नमेंट स्कूलों को भी सुधारना होगा ताकि पैरेंट्स वहां भी अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए भेज सकें. अभी बात हो ही रही थी कि स्नेह सिंह बोलती हैं कि इसके साथ गवर्नमेंट को पासिंग मा‌र्क्स भी एक जैसा ही रखना चाहिए. यह न हो कि कोई कम पर्सेटेज पाकर भी सेलेक्ट हो जाता है और कोई ज्यादा मा‌र्क्स पाकर भी नहीं सेलेक्ट होता. गवर्नमेंट को ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव करना चाहिए.

 

गवर्नमेंट स्कूलों को सुधारें
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर पैनल में मौजूद हर कोई अपने मुद्दे को लेकर बेहद ही गंभीर नजर आया. तभी तो पूनम सिंह भी कहती हैं कि इस इलेक्शन में एजुकेशन एक बड़ा मुद्दा बनेगा इसलिए जो भी गवर्नमेंट आये उसे गवर्नमेंट स्कूलों को सुधारना चाहिए. प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी ज्यादा होती है कि हर कोई वहां अपने बच्चों का पढ़ा नहीं सकता. प्राइवेट स्कूल वाले भी फीस को लेकर मनमानी करते रहते हैं, जिसपर लगाम लगाने की सबसे ज्यादा जरूरत है. वहीं पुष्पा द्विवेदी और अनामिका वत्स ने भी एजुकेशन सिस्टम में सुधार के मुद्दों को ही आगे बढ़ाया. पुष्पा कहती हैं कि एग्जाम होते हैं, लेकिन समय पर रिजल्ट नहीं आता है. कभी पेपर आउट तो कभी मामला कोर्ट में चला जाता है. यूथ का इससे काफी नुकसान होता है. गवर्नमेंट को इसके बारे में सोचना चाहिए क्योंकि मेरा वोट तो उसी को जायेगा जो इसमें सुधार करेगा. वहीं अनामिका कहती हैं कि एजुकेशन और वीमेन एमपॉवरमेंट मेरे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. प्राइवेट स्कूलों की फीस इतनी ज्यादा है कि गरीब आदमी वहां अपने बच्चों को पढ़ा ही नहीं पाता है. अगर गरीब का बच्चा पढ़ेगा नहीं तो देश का विकास सही से कैसे होगा? गरीब के बच्चों को भी क्वालिटी एजुकेशन पाने का पूरा हक है.

मनमानी पर लगे रोक
अपने आखिर दौर में पहुंच चुकी चर्चा में संगीता शर्मा कहती हैं कि प्राइवेट स्कूल फीस को लेकर मनमानी करते हैं, जिसके कारण पैरेंट्स अपने बच्चों को सही से वहां पढ़ा नहीं पाते क्योंकि घर के आर्थिक हालात ऐसे नहीं होते कि वह महंगी फीस दे सकें इसलिए गवर्नमेंट को चाहिए कि गवर्नमेंट स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाएं ताकि वहां भी अच्छी शिक्षा सभी को मिल सके. वहीं सभी की बातों को गौर से सुनने के बाद सबसे आखिरी में बोलते हुये साधना सिंह कहती हैं कि लोगों में भी तो विकास को लेकर भावना होनी चाहिए. उनके अंदर भी सिविक सेंस होना चाहिए. स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन जब तक लोग खुद से साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखेंगे तो शहर साफ कैसे होगी. लोग भी सहयोग दे तभी देश का विकास होगा इसलिए गवर्नमेंट को भी बेसिक सुविधाओं में सुधार पर जोर देना चाहिए और उसके लिए लोगों को भी जागरूक करना चाहिए. ताकि लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझें.

मेरी बात
वीमेन एमपॉवरमेंट की बातें होती हैं, लेकिन आज भी हम महिलाओं को कई प्रॉब्लम फेस करनी होती है. बाहर निकलो तो खुद की सेफ्टी की चिंता बनी रहती है. इसके साथ एजुकेशन सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है. बच्चों के स्कूल बैग दिन पर दिन भारी होते जा रहे हैं. जो वर्तमान में पढ़ाई हो रही है उससे रोजगार की गारंटी नहीं है. एजुकेशन ऐसी होनी चाहिए जो आगे काम आये. एजुकेशन की क्वालिटी पर गवर्नमेंट को ध्यान देना चाहिए.

- एकता श्रीवास्तव

कड़क मुद्दा

मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर वीमेन एंड चाइल्ड सिक्योरिटी के साथ एजुकेशन सिस्टम में सुधार का मुद्दा सबसे कड़क मुद्दा बना रहा. पैनल में मौजूद लोगों का यही कहना था कि आधी आबादी की बात करने वाले उनकी सिक्योरिटी को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आते हैं. इसके साथ बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन और यूथ को जॉब देना चाहिए. तभी देश का भी विकास होगा.

सतमोला खाओ सब पचाओ
इलेक्शन के दौरान नेता एजुकेशन, सिक्योरिटी और हेल्थ सिस्टम में सुधार को लेकर वादे तो बहुत करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अपने वादों को भूल जाते हैं जबकि क्वालिटी एजुकेशन के सहारे ही यूथ अपना अच्छा भविष्य बना सकते हैं. इसके साथ लोग हेल्दी रहेंगे तो देश के विकास में अपना सहयोग कर सकेंगे इसलिए गवर्नमेंट को चाहिए कि जो भी वादे करें उसे पूरा करें. जब लोगों का भला होगा तो देश का भला होगा.

मिला सतमोला गिफ्ट हैंपर
मिलेनियल्स स्पीक के मंच पर वैसे तो कई मुद्दे उठाएं गए, लेकिन सविता द्विवेदी द्वारा आर्मी की सुरक्षा, उनकी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए गवर्नमेंट को और अधिक प्रयास करना का मुद्दा उठाने पर सतमोला की ओर से उन्हें शानदार गिफ्ट हैंपर दिया गया. वही गिफ्ट हैंपर मिलने पर सविता ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और सतमोला का धन्यवाद किया.

आज यहां राजनीटी

जगह - हरिहरनगर, इंदिरानगर

समय - दोपहर 12.30 बजे

आप हमें अपने मुद्दे ड्राप बॉक्स से भेज सकते हैं

- दैनिक जागरण ऑफिस, मीराबाई मार्ग हजरतगंज

- परंपरा स्वीट, सप्रू मार्ग हजरतगंज

- नैनीताल मोमोज, हुसडि़या चौराहा गोमती नगर

- पिकासो, निरालानगर

1. वीमेन एमपावरमेंट को लेकर केवल बाते ही नहीं काम भी होना चाहिए. हमारी सिक्योरिटी गवर्नमेंट की जिम्मेदारी है.

- सुमन जुयाल

2. गवर्नमेंट को हम महिलाओं की सेफ्टी पर ध्यान देना चाहिए. हमेशा वादे होते हैं और काम कुछ नहीं.

- प्रवीण शर्मा

3. एजुकेशन सिस्टम एक होना चाहिए. कई तरह के बोर्ड होने से बच्चे कुछ समझ नहीं पाते हैं और उनका आगे चलकर नुकसान होता है.

- सीमा श्रीवास्तव

4. प्राइवेट स्कूलों में फीस तो ज्यादा होती ही है. इसके अलावा दूसरी चीजों के नाम पर भी बहुत पैसा ले लेते हैं इसपर रोक लगनी चाहिए.

- पूनम सिंह

5. गरीब घर के बच्चें पढ़ेंगे नहीं तो देश का विकास कैसे होगा. गवर्नमेंट को सरकारी स्कूलों में सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए.

- अनामिका वत्स

6. प्राइवेट स्कूल वाले मनमानी फीस लेते हैं, जिसके कारण बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. ऐसे में इन स्कूलों पर भी लगाम लगनी चाहिए.

- संगीता शर्मा