आप सोचते होंगे कि काश सिटी में भी दिल्ली की तरह ऐसी ऑटो सर्विस होती, जो कॉल करते ही हाजिर हो जाती, तो आपका सपना हकीकत में बदलने जा रहा है।

तेरह शहरों में दौड़ेगी रेडियो टैक्सी

परिवहन विभाग यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश के तेरह शहरों में रेडियो टैक्सी का संचालन करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के तेरह शहरों में लखनऊ, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, वाराणसी, झांसी, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली व गोरखपुर हैं। परिवहन आयुक्त रजनीश गुप्ता ने बताया कि वातानुकूलित रेडियो टैक्सी की सुविधा चौबीस घंटे व सातों दिन यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी कवायद शुरू करते हुए अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह सुविधा दिसंबर से पहले यात्रियों को मिलना शुरू हो जाएगी। टैक्सी का किराया क्या होगा उस पर निर्णय होना अभी बाकी है।

फोन करके टैक्सी बुलाएं

परिवहन आयुक्त के मुताबिक जल्द ही एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर पर यात्री फोन करके टैक्सी सेवा ले सकेगा। यह वातानुकूलित टैक्सियां जीपीआरएस से लैस होंगी। यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करने के लिए रियल टाइम में प्रबंधक द्वारा लगातार मॉनीटर भी किया जाएगा। यात्रियों व टैक्सी ड्राइवर के बीच किराए को लेकर कोई विवाद न हो उसके लिए इलेक्ट्रानिक मीटर द्वारा दूरी के हिसाब से पैसा लेने का प्राविधान होगा।

पुलिस द्वारा सत्यापन

कार के डेस्क बोर्ड पर ड्राइवर का नाम, फोन नबंर लिखा होगा। साथ ही उन्हीं ड्राइवरों के हाथों में टैक्सियों की स्टीयरिंग दी जाएगी, जिनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि का पुलिस द्वारा सत्यापन करके पुष्टि की जा चुकी होगी। रेडियो टैक्सी में उन्हीं कारों को वरीयता दी जाएगी जो नई हो साथ ही उनका पंजीकरण तीस दिन तक के भीतर हुआ हो। साथ ही यात्री के पास शिकायत करने की सुविधा होगी। अगर यात्री को रेडियो टैक्सी से जुड़ी कोई असुविधा हो तो वह संबंधित प्रबंधक से इसकी शिकायत कर सकेगा। जांच के बाद संबंधित चालक पर कार्रवाई का प्रावधान होगा।

कोई गाड़ी नहीं फिर भी कर सकेंगे आवेदन

अगर आपके आप पास कोई कार नहीं है फिर भी आप परिवहन विभाग में रेडियो टैक्सी का आवेदन कर सकते हैं। अफसरों के मुताबिक आवेदन करने वाले को एक निश्चित समय तक तय की गई गाडिय़ों की संख्या पूरी करनी होगी। ऐसा करने वाले आवेदकों को वरीयता दी जाएगी।

रेडियो टैक्सी का प्रचालन क्षेत्र

परिवहन आयुक्त रजनीश गुप्ता के मुताबिक रेडिया टैक्सी को राज्य के किसी नगर निगम क्षेत्र की सीमा में प्रचालन की अनुमति दी जाएगी। यदि आवेदक, रेडियो टैक्सी का उपयोग करने वाले यात्रियों के अनुरोध पर एयरपोर्ट अथवा नगर निगम सीमा के बाहर स्थित दर्शनीय स्थलों पर जाना चाहते हैं तो आवेदक के अनुरोध पर कुछ वाहनों को आल यूपी परमिट स्वीकृत किए जाने पर विभाग भी विचार करेगा। उधर टैक्सी संचालकों को पांच साल के लिए परमिट दिया जाएगा।