Campus और hostel  होंगे अलग

जानकारों का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने अपने आर्डर में कुछ ऐसी बातेें कहीं हैं, जिनपर अमल करना बिल्कुल नया एक्सपीरियंस होगा। कहा गया है कि फस्र्ट ईयर के स्टूडेंट्स के एकेडमिक कैम्पस, हास्टल और कैन्टीन जैसे प्लेस सीनियर स्टूडेंट्स से अलग होने चाहिए। इनकी क्लासेस भी ग्राउंड फ्लोर पर ही संचालित करने को कहा गया है और यदि ऐसा किसी कारणवश नहीं हो पाता है तो किसी भी सूरतेहाल में फस्र्ट ईयर स्टूडेंट्स की क्लासेस फस्र्ट फ्लोर से ऊपर नहीं चलाई जा सकेंगी।

Senior teacher ही पढ़ाएंगे

एंटी रैगिंग के बहाने ही सही अब जूनियर स्टूडेंट्स को सीधे सीनियर टीचर्स से ही पढऩे का मौका मिलेगा। कहा गया है कि चूंकि सीनियर टीचर ज्यादा एक्सपीरियंस्ड होते हैं। ऐसे में फस्र्ट ईयर के स्टूडेंट्स को इन्हीं का सानिध्य मिलना चाहिए। यह उनके ज्ञान संवर्धन की दृष्टि से भी उचित होगा।

अलग से करनी होगी travelling की व्यवस्था

अभी तक सीनियर और जूनियर स्टूडेंट ज्यादातर मौकों पर एक साथ ट्रेवल करते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जारी किए गए डायरेक्शन से साफ है कि हायर इंस्टीट्यूशंस को फस्र्ट ईयर के स्टूडेंट के लिए परिवहन व्यवस्था भी अलग करनी होगी। जबकि सीनियर स्टूडेंट्स को अलग होकर ट्रेवल करना होगा।

Class  न करने पर रखना होगा ब्यौरा

रैगिंग निषेध नियंत्रण प्रकोष्ठ ने सख्त रुख अपने हुए कहा है कि यदि कोई भी नव प्रवेशी अपने प्रारम्भिक दिनों में क्लास में नहीं आता तो उसकी पूरी इन्क्वायरी की जाए और इसकी डिटेल सुरक्षित रखी जाए। यदि एंटी रैंगिग के रुल्स को फॉलो करने में किसी प्रकार की कोई कोताही बरती गई तो इसके लिए सीधे इंस्टीट्यूट का डायरेक्टर और मैनेजमेंट को संचालित करने वाला रेस्पांसिबल होगा।

यहां करनी होगी complain

अगर यूपीटीयू से एफिलेटेड कालेजेस से जुड़ा कोई भी स्टूडेंट रैगिंग के बारे में कम्प्लेन करना चाहता है तो वह हेल्पलाइन नम्बर 0522-2732186 पर इंफार्मेशन दे सकता है या ई मेल anti-ragging@uptu.ac.in  के जरिए मेल कर सकते हैं।  

Campus और hostel में लगेंगी alarm bell

एक तरफ जहां यूपीटीयू ने कैम्पस को रैगिंग फ्री बनाने को लेकर कई सारे उपाय किए हैं। वहीं स्टेट गवर्नमेंट ने भी अब तेजी से कदम उठाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट की विशेष सचिव निधि केसरवानी की ओर से उच्च शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर और सभी स्टेट यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट, नन गवर्नमेंट और सेल्फ फाइनेंसिंग कालेजेस को जारी डायरेक्शन में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी और कालेजेस को अपने यहां हर हाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना होगा। कैम्पस और हास्टल्स में एलार्म बेल की व्यवस्था करनी होगी। जिससे जरूरत पडऩे पर पीडि़त सीधे एलार्म के माध्यम से सभी तक यह जानकारी पहुंचा सके कि उसके साथ रैगिंग की घटना हुई है। इसके अलावा कालेजेस को इमर्जेंसी कॉल यूनिट और क्विक रेस्पांस सिस्टम भी डेवलप करने को कहा गया है।

Broadcast telecast media  का सहारा लेंगे

अभी तक एंटी रैगिंग के प्रावधानों के प्रचार प्रसार के लिए ज्यादातर न्यूज पेपर्स में एडवरटीजमेंट और होर्डिंग बैनर का सहारा लिया जाता था। लेकिन अब ब्राडकास्ट टेलीकास्ट मीडिया, दूरदर्शन, लोक सभा टीवी, राज्यसभा टीवी, आल इंण्डिया रेडियो और प्राईवेट एफएम चैनल के जरिए भी प्रसारण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने ये सारे डिसीजन यूजीसी में एंटी रैगिंग मानिटरिंग कमेटी के एक्स डायरेक्टर सीबीआई डॉ। आरके राघवन की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद लिया है। जिसके बाद मिनिस्ट्री आफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की गाइडलाइन्स पर उपरोक्त निर्देश जारी हुए।