बना रहता है इंस्टीट्यूट में रैगिंग का खतरा

न्यू स्टूडेंट्स के साथ हर इंस्टीट्यूट में रैगिंग का खतरा बना रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई गाइडलाइंस जारी किए हैं। इस दौरान एनआईटी पटना एडमिनिस्ट्रेशन ने रैगिंग रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसमें एनआईटी की 'थर्ड आइज' कैंपस में स्टूडेंट्स को सिक्योर फीलिंग देगी।

Campus पर रहेगी नजर

एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने एक अगस्त को रैगिंग रोकने के लिए दो कमेटियां बना दी हैं। ये कमेटियां हैं, फ्लाइंग स्क्वायड कमेटी और एंटी रैगिंग कमेटी। फ्लाइंग स्क्वायड कमेटी में 21 मेंबर शामिल किए गए हैं। इनमें सभी डीन, एचओडी और हॉस्टल वार्डन को शामिल किया गया है। इस कमेटी के चेयरमैन डीएसडब्ल्यू प्रो। एमएम चौधरी और मेंबर सेक्रेटरी रजिस्ट्रार प्रो। विद्या सागर हैं। यह कमेटी पूरे कैंपस में रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए चौकस रहेगी। अगर इन मेंबर्स के सामने रैगिंग का कोई मामला सामने आएगा तो वे इसकी जानकारी डीएसडब्लू और रजिस्ट्रार को देंगे जिससे कि इससे रिलेटेड जरूरी एक्शन लिया जा सके।

HMC तय करेंगे punishment

एंटी रैगिंग कमेटी में 7 मेंबर शामिल हैं जो हॉस्टल्स में रैगिंग रोकेगी। इस कमेटी के चेयरमैन भी डीएसडब्ल्यू और मेंबर सेक्रेटरी रजिस्ट्रार प्रो। विद्या सागर हैं। इसमें डीन्स, एचओडीज और हॉस्टल वार्डन की ओर से एक-एक मेंबर रहेंगे। साथ ही इसमें हॉस्टल मैनेजिंग कमेटी (एचएमसी) के चेयरमैन, प्रोफेसर इन चार्ज और सिक्योरिटी ऑफिसर्स शामिल हैं। अगर हॉस्टल में रैगिंग का मामला सामने आता है तो जरूरी एक्शन के लिए वॉर्डन एचएमसी के चेयरमैन के थ्रू डीएसडब्ल्यू को लिखेंगे। दोषी पाए जाने पर एचएमसी पनिशमेंट तय कर इस बारे में डीएसडब्ल्यू को इंफॉर्म करेंगे। स्टूडेंट्स पर किसी भी तरह के एक्शन लिए जाने से पहले एनआईटी डायरेक्टर की अप्रूवल जरूरी होगा।

Poster के जरिए awareness  

16 और 17 अगस्त को रजिस्ट्रेशन के दौरान ही न्यू स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स या गार्जियंस को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस के अनुसार एंटी-रैगिंग एक्टिविटी से रिलेटेड एफिडेविट भी सबमिट करना होगा। इसमें स्टूडेंट्स यह लिख कर देते हैं कि वे रैगिंग की किसी भी एक्टिविटी में शामिल नहीं होंगे जबकि पैरेंट्स या गार्जियंस भरोसा दिलाते हैं कि उनका वार्ड रैगिंग की किसी भी एक्टिविटी में शामिल नहीं होगा। साथ ही एनआईटी एडमिनिस्ट्रेशन की तैयारी यह भी है कि क्लासेस शुरू होने के बाद वे पूरे कैंपस में पोस्टर के जरिए स्टूडेंट्स को रैगिंग से रिलेटेड कानूनी प्रावधानों के बारे में अवेयर करेगी।

एनआईटी की एंटी-रैगिंग कमेटियों की जिम्मेवारी होगी कि हर स्टूडेंट्स रैगिंग के डर को भूलकर अपनी एनर्जी को एकेडमिक और क्रिएटिव चीजों में इस्तेमाल करें। इसके बावजूद भी अगर कोई रैगिंग का दोषी पाया गया तो कानून के मुताबिक कठोरतम कार्रवाई होगी।

प्रो। एमएम चौधरी,

डीएसडब्ल्यू, एनआईटी पटना

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