- आईईआरटी में छात्रों के साथ छात्राएं भी रैगिंग की शिकार

- सीनियर्स ने बालों में तेल लगाकर चोटी बांधने का जारी किया है फरमान

<- आईईआरटी में छात्रों के साथ छात्राएं भी रैगिंग की शिकार

- सीनियर्स ने बालों में तेल लगाकर चोटी बांधने का जारी किया है फरमान

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: क्या रैगिंग सिर्फ छात्रों के साथ होती है? ऐसा नहीं है। आईईआरटी की छात्राएं भी रैगिंग की शिकार हैं। सीनियर्स ने उन्हें बालों में तेल लगाकर चोटी बांधकर संस्थान आने का फरमान जारी किया है। इसका असर भी लगातार दिख रहा है। फ‌र्स्ट ईयर की छात्राएं कैंपस में आजकल इसी स्टाइल में नजर आ रही हैं। जिला प्रशासन ने जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा तो छात्रों की तरह छात्राओं ने भी बहाने बना दिए।

बाल टूटते हैं, क्या करें?

आईईआरटी में फ‌र्स्ट ईयर के छात्र-छात्राओं के साथ परंपरा के नाम पर रैगिंग चरम पर है। हालात यह हैं कि छात्रों के बाल मुंडवा दिए गए तो छात्राओं को चोटी बांधकर आने का फरमान सीनियर्स ने जारी किया है। इसका पालन भी हो रहा है। नवप्रवेशी छात्राएं कैंपस के अंदर ऐसे ही लुक में नजर आ रही हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने आईईआरटी में रैगिंग के मामले की जांच के दौरान जब छात्राओं से इस फरमान के बारे में पूछा तो वह बहाने बनाने लगीं। उन्होंने बताया कि संस्थान का पानी खराब है। इससे हमारे बाल टूटने लगे हैं। इसीलिए तेल लगाकर चोटी बांधकर आते हैं। इससे सिर के बाल बचे रहेंगे।

बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है प्रशासन

जूनियर्स ने भले ही प्रशासनिक अधिकारियों की पूछताछ में रैगिंग की बात से साफ इंकार कर दिया हो लेकिन प्रशासन इस बार संस्थान को बख्शने के मूड में नहीं है। सूत्र बताते हैं कि छात्र-छात्राओं द्वारा दिए गए बयान की जांच की जा रही है। संस्थान की अपनी दोनों जांच रिपोर्ट में भले ही रैगिंग को खारिज कर दिया गया हो लेकिन प्रशासन अपनी ओर से उन्हें नोटिस जारी करने का मूड बना रहा है। पिछले साल की तरह इस बार भी रैगिंग की घटना की पुनरावृत्ति होने से खफा प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि केवल नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के बयान से जांच समाप्त नहीं होगी। संस्थान को भी बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं पर अपनी सफाई देनी होगी, ताकि आने वाले वर्षो में इसे दोहराया न जा सके।

खस्ताहाल है आर्थिक स्थिति

संस्थान में रैगिंग के मामले के तूल पकड़ने के बावजूद यहां के अधिकारी इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसा संस्थान की आर्थिक तंगी के चलते हो रहा है। आईईआरटी के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यहां के कर्मचारियों को पिछले दस-दस महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है। वह सब अवसाद ग्रस्त होते जा रहे हैं। यहां तक कि अधिकारियों को भी पिछले तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। जिससे हालात दिन ब दिन नाजुक होते जा रहे हैं। ऐसे में रैगिंग को लेकर बहुत ज्यादा माथापच्ची करना उनके बस के बाहर है।