राहुल ने कहा, "अपने पर लगाए गए बलात्कार और अपहरण के आरोपों से मैं पूरी तरह इनकार करता हूँ। ये दोनों आरोप पूरी तरह ग़लत, तुच्छ, तंग करने वाले और छवि को खराब करने के लिए सुनियोजित ढंग से लगाए गए आरोप हैं."

शपथ पत्र में कहा गया है, "हम आदरपूर्वक कहना चाहते हैं कि इस तरह के आरोपों के मामले गंभीरता से देखे जाने चाहिए." उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल छह अप्रैल को राहुल गाँधी, उत्तर प्रदेश सरकार और चार अन्य लोगों को नोटिस जारी किया था। उसी के जवाब में राहुल गाँधी ने ये शपथ पत्र दाखिल किया।

मध्य प्रदेश से समाजवादी पार्टी के एक पूर्व विधायक किशोर समरीते ने राहुल गाँधी पर इस तरह के आरोप लगाए थे। उस समय राहुल गाँधी पर यौन शोषण के आरोप लगाने के चलते समरीते पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। समरीते ने उसे भी चुनौती दी थी।

उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक के विरुद्ध सीबीआई जाँच की भी सिफ़ारिश की थी जिस पर न्यायमूर्ति वीएस सिरपुरकर और टीएस ठाकुर की खंड पीठ ने रोक लगा दी थी और सभी पक्षों से चार हफ़्तों में जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। राहुल ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और सीके प्रसाद की खंडपीठ के सामने दायर शपथ पत्र में ये सारी बातें कही हैं।

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