मां सोनिया की अंगुली पकड़ कर देखी परिवार की विरासत

परिवार की रवायतों से हुए रूबरू

नेहरू परिवार के खास से मिले

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: किसी भी परिवार के मुखिया का दायित्व होता है कि वह अपने बच्चों को पुरखों की ड्योढ़ी से परिचित कराए। अपनी संस्कृति व सभ्यता से अवगत कराए। पहली बार पुरखों की ड्यौढ़ी पर पहुंचे राहुल-प्रियंका के लिए मां सोनिया ने यह दायित्व बखूबी निभाया। बच्चों के साथ आनंद भवन पहुंची सोनिया ने राहुल प्रियंका को हर वह चीज दिखायी जो दादी इंदिरा व परनाना नेहरू की जीवन गाथा कह रही थी।

कम-कम राहुल, लुक इट

स्वराज भवन में इंदिरा की जन्म शताब्दी पर ट्रस्ट की ओर से तैयार किए गए पिक्टोरियल को दिखाते समय सोनिया गांधी शिमला समझौते की फोटो के पास रुख गयी। इसमें भुट्टो समझौते पर साइन कर रहे हैं और इंदिरा जी के बगल में मौजूद है। इसे देखते ही मां सोनिया ने राहुल को बुलाया। कमकम राहुल, लुक इट भुट्टो इज सिटिंग देयर साइनिंग एट शिमला एब्सट्रैक्ट इस फोटो से उन्होंने राहुल को बताया कि दादी इंदिरा कितनी साहसिक थीं।

देखो यहां पैदा हुई थीं दादी

इंदिरा गांधी की जीवन यात्रा पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद सोनिया गांधी ने राहुल और प्रियंका को साथ लेकर आनंद भवन का भ्रमण किया। उन्हें वह एक-एक स्थान दिखाया जिससे उनके पुरखों की भावना जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि देखो ये वह स्थान है, जहां उनके परनाना। दादी इंदिरा गांधी यहां आराम करती थी। इस कमरे में दादी इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था। आंगन में यहां मड़वा गड़ा था। यहां दादी की शादी हुई थी। यहां दावत हुई थी। राहुल और प्रियंका उत्सुकता से पूरा भवन आनंद से भर गया।

मिटी दूरियां, ताजा हुए पुराने रिश्ते

पिछले कई वर्षो से गांधी परिवार अपने पुरखों की नगरी इलाहाबाद की सरजमीं से जितना दूर था, गांधी परिवार के करीबियों से भी दूर हो गया था, सोमवार को अचानक दूरियों के फासले को मिटाया गया। नेहरू परिवार के इलाहाबाद में बचे हुए रिश्तेदार, फिरोज गांधी के बचे हुए फैमिली को बुलाया गया था। नेहरू परिवार के घनिष्ठ मित्र सर सुंदरलाल के पौत्र दवे साहब की फैमिली के साथ ही नेहरू फैमिली से जुड़े डॉक्टर्स को भी बुलाया गया था। जिनसे प्रियंका और राहुल गांधी की मुलाकात करायी गयी।