राहुल ने खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था
भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बहुत गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने राहुल गांधी पर ब्रिटेन की खुफिया तरीके से नागरिकता हासिल करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह दावा खुद राहुल गांधी ने ब्रिटिश प्रशासन के समक्ष किया था। लिहाजा, उनकी भारतीय नागरिकता और लोकसभा की सदस्यता छीन ली जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इन आरोपों का जिक्र करते हुए ब्रिटेन की कंपनी लॉ प्रशासन का दस्तावेज भी सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में सार्वजनिक कर दिया। स्वामी ने बताया कि अब भंग माने गए कंपनी दस्तावेज में राहुल गांधी ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। मामले के तूल पकड़ने पर कांग्रेस ने इसे टाइपिंग का दोष करार दिया है।

टाइपिंग की भूल बता कांग्रेस किया आरोपों से इंकार
कांग्रेस ने इस बीच सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोपों को गोलमोल जवाब देते हुए खारिज किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि स्वामी ने क्या कहा है। लेकिन उनकी आदत है, जब भी उन्हें दरकिनार किया जाता है कि खबरों में आने के लिए वह ऐसा करते हैं।’ वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जब से राहुल गांधी का जन्म हुआ है उनके पास भारतीय नागरिकता और पासपोर्ट है। और उन्होंने कभी किसी अन्य देश की नागरिकता नहीं ली है। एक समाचार चैनल ने कहा कि कांगेस ने ब्रिटिश दस्तांवेजों में नागरिकता का उल्लेख टाइपिंग एरर बताया है।

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कांग्रेस के इन आरोपों से इंकार करने के बाद ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस का कहना है कि 2003 में राहुल गांधी ने अपनी भारतीय नागरिकता घोषित की थी। अगर ऐसा है तो इसका ऐलान 2005, 06 और 09 में क्यों नहीं किया। उन्होंने कंपनी के सभी रिकार्ड सार्वजनिक करने की मांग भी की।

राहुल की इस कंपनी में 65 फीसद हिस्सेदारी थी
प्रेस कांफ्रेंस में बांटे गए दस्तावेज के मुताबिक लंदन स्थित एक निजी कंपनी ‘बैकऑप्स लिमिटेड’ को चलाने के लिए राहुल गांधी ने 2003-2009 के लिए जारी दस्तावेज में खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था। राहुल ने ब्रिटेन में यह कंपनी वर्ष 2003 में खरीदी थी। और वह इस कंपनी के निदेशक थे। उनकी इस कंपनी में 65 फीसद की हिस्सेदारी है। इस कंपनी के सह-निदेशक उलरिक मैकनाइट एक अमेरिकी नागरिक हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री एडवर्डो फेलैरियो के दामाद हैं।

भारतीय संविधान का उल्लंघन
स्वामी का आरोप है कि ब्रिटेन में तो दोहरी नागरिकता होना कानून सम्मत है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 18 के तहत कोई भारतीय विदेशी टाइटल तक ग्रहण नहीं कर सकता। लिहाजा, राहुल गांधी ने प्रथम दृष्टया संविधान के विरुद्ध काम किया है। इस अपराध के लिए उनकी भारतीय नागरिकता रद की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वामी ने कहा है कि राहुल की ब्रिटिश नागरिकता भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसलिए राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी भारतीय नागरिकता रद होनी चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष को भी लिखेंगे चिट्ठी
स्वामी ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष को भी इस सिलसिले में एक पत्र लिखेंगे। वह लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले को एक विशेष समिति को सौंपने को कहेंगे। ताकि वह इस मामले की जांच करके राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता को रद कर सकें।

 

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