नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए राहुल गांधी ने गुरुवार को सामाजिक संगठनों के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान वह ग्रीनपीस की प्रतिनिधि प्रिया पिल्लई से भी मुलाकात की। इस दौरान राहुल ने संविधान की आजादी की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के प्रति अपनी पूरी प्रतिबद्धता का इजहार किया। समाज के सभी ऐसे वर्ग के लोगों ने उनसे मुलाकात की जिनका मानना है कि भाजपा सरकार लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला कर रही है।
ग्रीनपीस की वरिष्ठ कार्यकर्ता प्रिया गत जनवरी में लंदन में ब्रिटिश सांसदों के समक्ष एक व्याख्यान इस विषय पर देना था कि किस प्रकार मध्य प्रदेश में मानवाधिकारों का उल्लघन किया जा रहा है। इसके एक महीने बाद सरकार ने ग्रीनपीस को फंड देना बंद कर दिया। यह उस में विवाद का खासा केंद्र बना था। गुरुवार को इन सभी सामाजिक संगठनों द्वारा एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि राहुल गांधी ने सामाजिक संगठनों के प्रति ऐसे व्यवहार पर गहरी चिंता व्यक्त की।
राहुल से मिलने वालों में पिल्लइ के अलावा आरटीआई कार्यकर्ता निखिल देव, साउथ एशियन ह्युमन राइट्स डाकुमेंटेशन रविनायर, प्रोग्राम फार सोशल एक्शन के सचिव एमजे विजयन सहित कई अन्य संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। इन लोगों का कहना है कि वे अन्य दलों के नेताओं से भी मिलेंगे। किसी पार्टी नेता के रूप में राहुल से यह उनकी पहली मुलाकात है।
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