राहुल गांधी के आक्रामक अंदाज़ को देखकर तो ऐसा ही लग रहा था कि उन्होंने सचमुच सपा के चुनावी वादों की ही सूची फाड़ी है. जबकि सच्चाई कुछ और है. दरअसल राहुल गांधी का गुस्सा महज एक ड्रामा था. उन्होंने जो कागज फाड़ा था उस पर मंच पर मौजूद कांग्रेस के टॉप लिडर्स के नाम लिखे थे.

इस लिस्ट में मंच पर मौजूद मोती लाल वोरा, रीता बहुगुणा, आरपीएन सिंह, राशिद मसूद, जगदंबिका पाल, अरुण कुमार-संजय मिश्रा, श्याम किशोर शुक्ला समेत कुल 12 लोगों के नाम थे जो अंग्रेजी में लिखे हुए थे.

 

कुछ यूं था राहुल का अंदाज

राहुल बाबा की खुल गई पोल

इस सूची को उन्होंने इस अंदाज़ में लहराया और फाड़ा था जैसे ये सचमुच सपा के वादों की सूची हो. इस बात का खुलासा तस्वीरों में उस कागज को देखकर हुआ, जिसमें किसी पार्टी के वादे नहीं, बल्कि मंच पर बैठे कांग्रेस नेताओं के नाम दिख रहे थे.

गौरतलब है कि है कि बुधवार को लखनऊ में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी बेहद आक्रामक अंदाज़ में आ गए थे.

उन्होंने कहा था, "मुलायम सिंह जी के पास तो वादों की सूची रहती है. वह कहते हैं कि भैया हम बिजली देंगे. रोजगार देंगे. रोजगार नहीं दे पाए तो बेरोजगारी भत्ता देंगे. वही सूची बार-बार निकलती है. सूची 'वादों की सूची' ये लो..." यह कहने के साथ ही उन्होंने हाथ में लिए कागज को सपा के वादों की सूची बताकर फाड़ डाला था.

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