राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं के चुनाव प्रचार अभियान के आंक़डों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार में राहुल ने सूबे के अलग-अलग हिस्सों में 211 रैलियां कीं. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 200, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने 59, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 96 तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष नितिन गडकरी ने ग्रामीण और शहरीं क्षेत्रों को मिलाकर करीब 80 रैलियां कीं.

'चुनावी रैली' के टॉपर बने राहुल बाबा

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस महासचिव ने इस चुनाव में जी-तो़ड मेहनत की है. पूरे प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने 48 दिन उत्तर प्रदेश में प्रवास किया. उनकी अगुवाई में कांग्रेस पार्टी एक नई ऊर्जा के साथ चुनाव ल़डी है. राहुल ने गत 14 नवम्बर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की औपचारिक शुरूआत की.

उन्होंने विभिन्न इलाकों में कुल 211 जनसभाएं कीं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की 18 विभानसभाओं में रोड शो किए. सपा नेता अखिलेश यादव की बात की जाए तो रैलियां करने के मामले में राहुल के कुछ करीब रहे. एक जनवरी से चुनावी रैलियों की औपचारिक शुरूआत कर अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में 200 जनसभाएं कीं. इसी दौरान उन्होंने करीब एक हजार किलोमीटर क्रांतिरथ यात्रा भी चलाई. सपा मुखिया मुलायम सिंह, बसपा प्रमुख मायावती और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी तो चुनावी रैलियां करने में राहुल गांधी से काफी पीछे रहे.

'चुनावी रैली' के टॉपर बने राहुल बाबा

सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने से कहा,""केवल रैलियों की संख्या अधिक होने से कुछ नहीं होता. यह भी महत्वपूर्ण है कि आपकी रैली में जनसमूह कितना पहुंचा और उसमें से कितने आपको वोट करने वाले लोग है." भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास चेहरों का अभाव है. एक ही व्यक्ति पर पूरे चुनाव की जिम्मेदारी थी तो स्वाभाविक है उसे ही राज्यभर में प्रचार के लिए जाना प़डेगा.

भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक  से कहा, ""इस चुनाव में कांग्रेस के पास राहुल के अलावा कोई दूसरा चेहरा ही नहीं था. पूरी पार्टी उन्हीं के भरोसे चुनाव ल़डी. वहीं भाजपा में तो नेताओं की पूरी फौज थी. पार्टी के दो दर्जन से ज्यादा ब़डे चेहरे चुनाव प्रचार अभियान में लगे थे."पाठक ने कहा, "" वैसे भी रैलियों की संख्या से चुनाव के नतीजों पर फर्क नहीं प़डता। अगर ऎसा होता तो बीते वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल ने करीब 70 रैलियां की थीं, लेकिन नतीजा क्या सामने आया सबको पता है."

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को होगा. सातवें चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रुहेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों की 60 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में जिन 10 जिलों में मतदान होना है, उनमें लखीमपुर खीरी, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, भीमनगर, बदायूं, पीलीभीत और अमरोहा शामिल हैं.

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