-राज्य स्तरीय कमेटी ने दिया आदेश, तैनात होंगे गार्ड

-किसी भी समय हॉस्टल पर रेड मारेगी एंटी रैगिंग कमेटी

ALLAHABAD: जल्द ही एमएलएन मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल्स में सीसीटीवी कैमरों के जरिए स्टूडेंट्स गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। इससे रैगिंग की घटनाओं का आसानी से पर्दाफाश किया जा सकेगा। यह आदेश शनिवार को कॉलेज आई राज्य स्तरीय जांच टीम ने दिए हैं। टीम ने कहा कि कॉलेज बजट का प्रबंध कर जल्द से जल्द इसको अंजाम देगा। इससे रैगिंग की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

अचानक दबिश से सामने आएगा सच

उधर, प्रिंसिपल ने रविवार को जारी आदेश में कहा कि एंटी रैगिंग सेल हॉस्टल्स में अचानक दबिश दे। किसी भी समय कमेटी के सदस्य, एंटी रैगिंग स्क्वाड, टीचर्स और वार्डेन ग‌र्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल का जायजा लें। ऐसे में रैंिगंग पर आसानी से रोक लगाई जा सकेगी। राज्य स्तरीय कमेटी ने भी हॉस्टल में गार्ड की तैनाती किए जाने की बात कही है। जबकि छात्रों ने हास्टल के भीतर साफ सफाई की शिकायत की तो कमेटी ने इससे निजात दिलाने के आदेश कॉलेज प्रशासन को दिए हैं। साथ ही कैंपस में आवारा कुत्तों के आतंक से छुटकारा दिलाए जाने की मांग भी स्टूडेंट्स ने कमेटी से की है।

शासन को भेजी गई रिपोर्ट

शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक एनसी प्रजापति, कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। नवनीत कुमार सहित एडीएम अशोक कनौजिया ने रैगिंग के मामले की जांच की थी। इसके बाद रविवार को जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। अब शासन के आदेश का इंतजार है। यह माना जा रहा है कि पूरे मामले में कहीं से भी कॉलेज के एंटी रैगिंग सेल की सक्रियता नहीं रही। ऐसे में शासन इस मामले में कठोर कार्रवाई कर सकता है।

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पसरा रहा सन्नाटा, नहीं हुए आयोजन

जानकारी के मुताबिक रविवार को मेडिकल कॉलेज कैंपस में जन्माष्टमी कार्यक्रम का आयोजन भी नहीं हुआ। बताया गया कि कॉलेज प्रशासन ने अंतिम समय पर समारोह मनाने पर रोक लगा दी। जबकि शनिवार को बिजली की झालर लगाई जा रही थी। हालांकि कारण स्पष्ट नही हो सका है। बता दें कि हर साल कॉलेज कैंपस में जन्माष्टमी के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मटकी फोड़ समारोह का भी आयोजन किया जाता था। इस बार उत्सव नहीं होने से परिसर में सन्नाटा पसरा रहा।

वर्जन

जांच रिपोर्ट तैयार हो गई है। उसे शासन को भेज दिया गया है। अगले आदेश का इंतजार किया जा रहा है। कमेटी ने जांच के बाद कुछ दिशा निर्देश भी दिए हैं जिनका पालन कॉलेज प्रशासन को करना है।

-अशोक कनौजिया, एडीएम सिटी