2012 में भी हाईकोर्ट के सख्त आदेश पर हास्टल्स में पड़ी थी रेड

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की चुस्ती में आई सुस्ती

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद को अपनी खराब शिक्षा व्यवस्था के लिये एनआईआरएफ की रैंकिंग में शर्मिदगी का सामना करना पड़ा है। ऐसा पिछले साल भी हुआ था। फिर भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को गर्त की ओर ले जा रहे जिम्मेदार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। इविवि में हास्टल्स को खाली करवाने के मुद्दे पर भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। हास्टलर्स की हनक के बाद इविवि प्रशासन की चुस्ती सुस्ती में बदलती नजर आ रही है। सोमवार को भी हास्टल्स के लिये शुरू होने वाले आपरेशन क्लीन अभियान पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

तब केवल हालैंड हाल खाली हुआ

मौजूदा हालातों के मूल में जायें तो बहुत हद तक इसके लिये इविवि प्रशासन जिम्मेदार है। दरअसल, हास्टल्स में रेड का काम लास्ट इयर ही होना चाहिये था। अमूमन नवम्बर- दिसम्बर में इस तरह की कार्रवाई की जाती रही है। छात्रसंघ चुनाव के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मात्र हालैंड हाल को खाली करवाकर इविवि प्रशासन के लोगों ने कोरम पूरा कर दिया। इससे पहले करेंट एकेडमिक सेशन 2016-17 की शुरूआत से पहले हास्टलवाइज रेड डाली गई थी।

डिग्री वापस लेने की चेतावनी भी बेकार

उस समय भी इविवि के अधिकारियों में इस काम को लेकर इतना भय व्याप्त था कि उन्होंने आपरेशन क्लीन अभियान को अतिक्रमण अभियान की तरह चलाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी। उस समय चीफ प्रॉक्टर वर्तमान में रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला एवं डीएसडब्ल्यू प्रो। हर्ष कुमार थे। इससे पहले दिसम्बर 2015 में आये कुलपति प्रो। आरएल हांगलू ने हास्टल्स के अवैध अन्त:वासियों को चेताया था कि वे हास्टल छोड़कर चले जायें, अन्यथा उनकी डिग्री वापस ले ली जायेगी। कुलपति का यह आदेश साल 2016 की शुरूआत में आया था।

कदम कदम पर मिली चुनौती

वर्तमान में हास्टल खाली करवाने की जो कवायद हौले हौले अंजाम दी जा रही है। उसके पीछे इलाहाबाद हाईकोर्ट का सख्त आदेश है। इससे पहले साल 2012 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त आदेश पर सभी हास्टल्स में रेड डाली गई थी। उस समय भी अभियान चलाया आसान नहीं था। फिर भी, सभी हास्टल्स में रेड की कार्रवाई को पूरा किया गया। तब चीफ प्रॉक्टर प्रो। माताअम्बर तिवारी थे। तब इस अभियान के पहले ही दिन उत्तर प्रदेश शासन में शीर्ष पर बैठे एक माननीय के दबाव में जिला प्रशासन ने फोर्स देने से इंकार कर दिया था और रेड नहीं पड़ सकी। दिन में तत्कालीन एसपी सिटी शैलेश यादव ने फोर्स देने से मना किया लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर शाम होते होते उनके तेवर ठंडे पड़ गये और अगले दिन पूरी फोर्स इविवि परिसर के बाहर खड़ी नजर आई।

इविवि के सभी हास्टल्स में रेड डाली जानी है। बुधवार तक इसके लिये संयुक्त बैठक हो जायेगी। इसमें तय कर लिया जायेगा कि हास्टल्स से अवैध अन्त:वासियों को कैसे बाहर किया जाये?

-डॉ। आरकेपी सिंह,

डीएसडब्ल्यू इविवि