फ्लैग: डीजे आईनेक्स्ट की खबर पर जागा प्रशासन, एसडीओ ने की रेड

-कचहरी स्थित राजस्थान कलेवालय के ऊपर दो जांच केंद्रों में नियमों को ताक पर रख बांटे जा रहे थे सर्टिफिकेट

RANCHI (5 MAY): 'जांच के नाम पर आईवॉश, बांट रहे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट' हेडिंग के साथ चार मई को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर छपने के बाद प्रशासन जागा और सिटी में शनिवार को दो जगहों पर रेड के बाद दुकान सील करने की कार्रवाई हुई। इस दौरान सरकारी कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की गई। मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

बिना लाइसेंस बांटे रहे थे सर्टिफिकेट, धराए

शाम लगभग चार बजे एसडीओ अंजलि यादव ने कचहरी के राजस्थान कलेवालय के ऊपर स्थित दुकान में छापेमारी की। वहां दुकानदार राजेंद्र अग्रवाल व शशांक अग्रवाल द्वारा बिना जांच किए ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा था। साथ ही दुकानदार का कचहरी में पॉल्यूशन जांच का लाइसेंस भी नहीं था। उनका लाइसेंस कोकर का और फिटनेस जांच की दुकान का लाइसेंस रातू रोड का था। इसके बावजूद कचहरी में अलग से दुकान खोलकर सिर्फ फोटो लेकर पॉल्यूशन व फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा था। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और गिरफ्तार कर लिया गया है।

बिना जांच सर्टिफिकेट बांट रहे थे, धराए

इसके बाद शाम छह बजे के करीब राजस्थान कलेवालय के ही ऊपर फ‌र्स्ट फ्लोर पर छापेमारी की गई, जहां चंचल चटर्जी द्वारा बिना जांच किए फिटनेस व पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा था। यहां एमवीआई के सिग्नेचर किए हुए सर्टिफिकेट भी बरामद किए गए। साथ ही यहां शराब पीकर सरकार कर्मचारियों के साथ मिसबिहेव किया गया। धक्का-मुक्की की गई। शराब की जांच कराई गई। यहां भी एफआईआर दर्ज कर लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कोकर से रातू तक फैला है जाल

गौरतलब हो कि रांची की सड़कों पर जितनी भी गाडि़यां घूम रही हैं, वो नई हों या पुरानी जब चाहते हैं उनको पॉल्युशन सर्टिफिकेट मिल जाता है। शहर में रातू रोड, कचहरी, कोकर इलाके में गाडि़यों की प्रदूषण जांच केंद्र चलाने वाली प्राइवेट फ र्म कायदे- कानून को ताक पर रखकर काम कर रही है। वाहनों की जांच पड़ताल कराए बिना आनलाइन पाल्यूशन जांच रिपोर्ट जारी कर दी जा रही है। प्राइवेट संस्थाओं को पॉल्यूशन जांच के लिए अथारिटी गवर्नमेंट की ओर से दी जाती है। इसका ठीक से अनुपालन हो रहा है कि नहीं कोई मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है।

पॉल्यूशन सर्टिफिकेट में ताक पर नियम

-कितने वाहनों को पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दिया, कोई रिकार्ड नहीं है। जबकि जांच केंद्रों को हर माह परिवहन कार्यालय में रिपोर्ट करनी है।

-प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फेल करने के बजाय सभी को जांच केंद्रों से सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं।

- जांच केंद्र में मशीन ऑपरेटर के पास स्मोग और गैस एनालाइजर का सर्टिफिकेट या डिप्लोमा होना चाहिए। लेकिन, अधिकतर जांच केंद्रों के ऑपरेटरों के पास कोई सर्टिफिकेट नहीं है।

-प्रदूषण जांच केंद्रों के मालिक समय पर अपना लाइसेंस भी रिन्यूअल नहीं करा रहे हैं।

-कई प्रदूषण जांच केंद्रों में गाड़ी के पहुंचे बिना और गाड़ी के इंजन को स्टार्ट किए बिना ही प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।

-कई केंद्रों पर प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के लिए ली जाने वाले शुल्क के संबंध में भी बोर्ड नहीं लगे हैं।