साल में दो बार किराए में संशोधन

रेलवे की अनाउंस्ड पॉलिसी के मुताबिक ईधन व एनर्जी कॉस्ट पर आधारित फेयर व फ्रेट साल में दो बार संशोधित की जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक दरअसल टिकटों में कीमतों की बढ़ोतरी इसी महीने किए जाने की योजना थी क्योंकि दिसंबर से फरवरी तक के किराये में ईंधन समायोजन हो रहा था, लेकिन रेल मंत्रालय ने इसे फिलहाल के लिए टाल दिया. जिससे अब यह बढ़ोतरी आगामी बजट में की जाएगी. हालांकि रेलवे ने जून महीने में ईँधन की कीमतों का समायोजन किया था और यात्री किराये 4.2 फीसदी तथा माल भाड़ा 1.4  फीसदी बढ़ाया था.

सहूलियतों के लिए झेलना होगा भार

वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी रेल किराए में बढोत्तरी के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि रेलों में सुविधाएं और सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है. सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. इसके लिए बड़ा निवेश चाहिए. लेकिन इसका भार यात्रियों को भी उठाना होगा. उन्होंने कहा कि रेलवे की आर्थिक हालत खराब है. उसके पास निवेश के लिए फंड नहीं है. रेलवे को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 6 से 8 लाख करोड़ रुपये चाहिए जो बड़ी रकम है. इसके साथ ही प्रभु रेल बजट से पहले सांसदों से मिल रहे हैं और उनकी डिमांड और जरूरतों को जानने की कोशिश कर रहे हैं. प्रभु ने कहा कि इन जरूरतों को पूरा करने के लिए 20000 करोड़ रूपए की जरूरत होगी.

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