-इसरो की सेटेलाइट बेस्ड चिप सिस्टम का ट्रायल हुआ सफल

-रेलवे क्रॉसिंग पर लगेंगे हूटर, बजते ही अलर्ट हो जाएंगे क्रॉस करने वाले

VARANASI

अब अनमैंड रेल क्रॉसिंग पर एक्सिडेंट बीते दिनों की बात होगी। क्रॉ¨सग से होकर गुजरने वालों को हूटर अलर्ट करेगा। यह सेटेलाइट बेस्ड चिप सिस्टम से संभव होगा। इसरो की इस नयी टेक्निक का ट्रायल पूरा हो चुका है। खास बात यह कि यह रियल टाइम में ट्रेन की स्पीड भी पता करने में सक्षम है। जल्द ही देश के सभी रेलवे क्रॉसिंग पर हूटर लग जाएंगे। जो आने-जाने वालों को ट्रेन के पहुंचने से पहले अलर्ट करेंगे।

दो किमी पहले ही हो जाएगा लिंक

अनमैंड रेलवे क्रॉ¨सग पर हादसे कोई नयी बात नहीं है। इनको रोकने के लिए रेलवे ने पुख्ता प्लान बनाया है। एक तरफ डिपार्टमेंट मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर रेल मित्र की तैनाती में जुटा हुआ है, तो वहीं दूसरी तरफ क्रॉसिंग पर हूटर लगाने की भी तैयारी है। आए दिन रेलवे क्रॉसिंग पर हो रहे हादसे को देखते हुए इसरो के डेवलप आइसी चिप ट्रेंस में भी लगाने का प्लान है। इससे रेलवे क्रॉ¨सग पर लगे हूटर ट्रेन के दो किलोमीटर दूर से ही ट्रेन के आने के संकेत देने शुरू कर देंगे। 1500 मीटर की दूरी होने पर तेजी से बजने शुरू हो जाएंगे, जो क्रॉसिंग पर चल रहे लोगों के साथ ही उस ट्रेन के पायलट को भी अलर्ट करेगा।

फेल होने पर भी करेगा काम

पायलट प्रोजक्ट के तहत इसरो द्वारा विकसित चिप को ट्रायल के समय कई ट्रेंस के इंजन में लगाया गया था। इस चिप की मदद से ट्रेन की वास्तविक लोकेशन इंडिया की इंडियन रीजनल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (नाविक) द्वारा मानव रहित रेलवे क्रॉ¨सग को मिल गयी। क्रॉसिंग से दो किमी दूर ट्रेन से लिंक हो गया। ट्रेन के 1500 मीटर की दूरी पर होने पर तेज हूटर बजना शुरू हो गया। ट्रेन जब क्रॉसिंग पार करके 100 मीटर दूर चली जाती है तो हूटर अपने आप बंद हो जाता है। यह प्रॉसेस डबल ट्रैक होने पर दोनों ओर से ट्रेनों के आने पर भी होती है। ऐसे प्रबंध किए गए हैं कि यदि कोई जीपीएस अथवा आरएफ फेल भी हो जाए तो भी हूटर बजेगा। इस बीच क्रॉसिंग से आ-जा रहे लोग अलर्ट हो जाएंगे और एक्सिडेंट नहीं होगा।

अनमैंड क्रॉसिंग पर आए दिन होने वाले एक्सिडेंट पर रोक लगाने के लिए रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है। जल्द ही नयी टेक्निक आधारित सिस्टम शुरू हो जाएगा।

संजय यादव, सीपीआरओ

एनई रेलवे