-अब खाने का बिल नहीं तो पैसा भी नहीं, पेंट्रीकार के भोजन पर ओवर रेटिंग की कम्प्लेन पर उठाया गया कदम

-डिपार्टमेंट ने 'नो बिल-फ्री फूड' किया लांच

VARANASI

अक्सर ट्रेंस के पेंट्रीकार से मिलने वाले खाने पर ओवर रेटिंग की शिकायतें मिलती रहती हैं। पैसेंजर्स खाना खाने के बाद बिल पेमेंट कर चुप हो जाते हैं। वो कभी बिल की डिमांड नहीं करते। यही नहीं पेंट्रीकार संचालक की ओर से भी बिल नहीं दिया जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने नया प्लान बनाया है। जिसको 'नो बिल-फ्री फूड' नाम दिया गया है। इस योजना के तहत अगर खाने का बिल नहीं तो पैसा भी नहीं। अगर आपके पास खाने का बिल नहीं पहुंचा तो आपका खाने का पेमेंट नहीं करना पड़ेगा।

ताकि नियम का हो पालन

रेलवे के नये फूड बिल के तहत पेंट्रीकार के कर्मचारी खाना या नाश्ते में अब तय रेट से अधिक की वसूली नहीं कर सकेंगे। बिल नहीं देने की शिकायत पर यात्री को परोसा गया भोजन फ्री देना होगा। उसका कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। नियमानुसार प्रत्येक यात्री को खाना या नाश्ता लेने पर बिल देने का नियम पहले से है, लेकिन अधिकतर ट्रेंस के पेंट्रीकार में इसका पालन नहीं किया जाता है। लगातार मिल रहीं कम्प्लेन के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने यह कदम उठाया है।

ऐसे करें कम्प्लेन

अगर यात्री को खाने व नाश्ते का बिल नहीं दिया जाए तो इसकी शिकायत पेंट्रीकार के मैनेजर व ट्रेन में तैनात कोच कंडक्टर व कोच टीटीई से करना होगा। जिसके बाद यात्री को भोजन का बिल नहीं चुकाना पड़ेगा। ट्रेन कई स्टेट व डिस्ट्रिक्ट के स्टेशंस से होकर गुजरती है। ऐसे में अलग-अलग तरह के यात्री अलग-अलग भाषा का भी उपयोग करते हैं। बता दें कि रेलवे ने 31 मार्च 2018 से पैंट्रीकार में बिल अनिवार्य कर दिया गया था। बावजूद इसके पैंट्रीकार के कर्मचारी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।

पैंट्रीकार के कर्मचारियों की यह जिम्मेदारी है कि पैसेंजर को बिना मांगे ही भोजन व नाश्ते के बदले में बिल दें। साथ ही पैसेंजर्स को भी पेमेंट के बदले बिल जरूर मांगना चाहिए।

रविप्रकाश चतुर्वेदी, एडीआरएम

कैंट स्टेशन, वाराणसी