-ट्रेन्स में पैसेंजर्स को परोसे जाने वाले भोजन की क्वालिटी सुधारने के लिए रेलवे ने उठाया कदम

-राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेन्स में नया मेन्यू हुआ लागू

-खाने की मात्रा कम होने से भोजन की भी रुकेगी बर्बादी

रेलवे पैसेंजर्स अमेनटीज को बढ़ाने और अपना खर्च कम करने के लिए लगातार कवायद कर रहा है। इसी क्रम में रेलवे ने अब खाने की मात्रा में भी कमी की है। ट्रेन्स में पहले के मुकाबले पेंट्रीकार से यात्रियों को कम मात्रा में खाना दिया जा रहा है। रेलवे ने तय किया है कि ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की मात्रा से ज्यादा अब उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। डिपार्टमेंट को उम्मीद है कि खाने की मात्रा कम होने से उसकी बर्बादी पर रोक लगेगी। इसकी शुरुआत राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी 27 ट्रेन्स में किया जा चुका है। इनमें आईआरसीटीसी द्वारा सीधे खाना अवेलेबल कराया जा रहा है।

700 ग्राम मिल रहा भोजन

ट्रेन्स में पैसेंजर्स को परोसे जाने वाले मेन्यू में बदलाव के लिए बनाई गई कमेटी की सिफारिशों को रेलवे ने एडॉप्ट करने के बाद ये नया कदम उठाया है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार एक सामान्य भारतीय की डाइट 700 ग्राम होती है, जबकि रेलवे में पैसेंजर को 900 ग्राम खाना दिया जा रहा था। इसी के बाद अब खाने में 200 ग्राम की कटौती की गई है। खाने में कटौती कर उसकी क्वालिटी पर ध्यान दिया जा रहा है, जिससे पैसेंजर्स को बेहतर खाना दिया जा सके। साथ ही खाने को नुकसान होने से बचाया जा सके।

मेन्यू बदलने पर बोर्ड की मुहर

आईआरसीटीसी ऑफिसर के मुताबिक भोजन की कीमत को सालों से नहीं बढ़ाया गया है। जबकि ट्रेन्स में पैसेंजर्स को खाने में दिए जाने वाले आइटम्स की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने खाने की कीमत बढ़ाने के बजाय मेन्यू को तर्कसंगत बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया है। बताया कि आईआरसीटीसी ट्रेनों में सर्विस और खाद्य पदार्थ की क्वालिटी में सुधार के लिए कई उपाय कर रहा है। इसीलिए ट्रेन्स में पैसेंजर्स को परोसी जाने वाली थाली से खाने के कई आइटम की मात्रा को कम करने का डिसीजन लिया गया। इसी के तहत ट्रेन्स में पैसेंजर्स को खाना परोसा भी जाने लगा है।

थाली से गायब हुई ये चीजें

आईआरसीटीसी के अनुसार ट्रेन्स में पैसेंजर्स को दाल अभी तक 150 ग्राम दिया जा रहा था जो अब 120 ग्राम दी जा रही है। वहीं नानवेज खाने में बोनलेस चिकन दिया जा रहा है। खाने की थाली में एक सूखी सब्जी भी रखी गयी है। जबकि ट्रेन्स में अब तक मिल रहा सूप, बटर और ब्रेडस्टीक मेन्यू से अब गायब हो चुका है। लंबी यात्रा करने वाले यात्रियों को दूसरी बार जो खाना दिया जा रहा है, उसमें पूरी थाली नहीं बल्कि वन-बाउल मील दिया जा रहा है, जैसे राइस-बाउल परोसा जा रहा है।

अब डिस्पोजेबल प्लेट में खाना

रेलवे ने खाने की क्वालिटी के साथ ही पैसेंजर्स को बेहतर थाली में खाना परोसने पर जोर दिया है। प्लास्टिक ट्रे की बजाय अब खाना डिस्पोजेबल प्लेट्स में दिया जा रहा है, जो बायोडिग्रेडेबल होंगी। साफ-सफाई के लिए रेलवे यात्रियों को सैनिटाइजर देने की भी तैयारी है। इसके साथ ही ट्रेनों में कैटरिंग स्टाफ भी बढ़ा दिया गया है। वेटर को पैसेंजर्स से कैसे पेश आना है इसकी उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी।

सेलेक्टेड ट्रेन्स में ट्रायल पूरा

आईआरसीटीसी ऑफिसर के मुताबिक कैटरिंग स्टाफ का ड्रेस सभी ट्रेन्स में एक जैसा होगा। फिलहाल सेलेक्टेड ट्रेन में खाने के नए मेन्यू के ट्रायल के बाद उसे लागू भी कर दिया गया है। जिन ट्रेन्स में नये मेन्यू के अनुसार खाना परोसा जाने लगा है उनमें राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेन्स शामिल हैं। साथ ही इन ट्रेन्स में बायोडिग्रेडेबल प्लेट्स का भी ट्रायल शुरू किया गया है। अगर ट्रायल सफल रहता है तो इसे जल्द ही अन्य सभी ट्रेनों में लागू कर दिया जाएगा। जिससे पैसेंजर्स को प्लास्टिक की प्लेट्स में खाना खाने से मुक्ति मिल जाएगी।

वर्जन

रेलवे बोर्ड के आदेश पर जिन ट्रेन्स के टिकट में भोजन का पैसा शामिल होता है उनमें नये मेन्यू के मुताबिक भोजन परोसा जाने लगा है। इससे क्वालिटी में सुधार के साथ ही भोजन की बर्बादी रुकेगी।

अश्वनी श्रीवास्तव, सीआरएम

आईआरसीटीसी, लखनऊ