- रेलवे के मनोरंजन केंद्र पर हो चुका है कब्जा

- कर्मचारियों के बच्चे खेलते हैं सड़क पर

- शादी कराने के लिए किया जा रहा है इस केंद्र का उपयोग

LUCKNOW: ना तो कोई खेल होता है और ना ही यहां का पुस्तकालय खुलता है। यह हाल है ऐशबाग में मनोरंजन केन्द्र का। यहां खेलने के लिए बैडमिंटन कोर्ट भी बनाया गया था और इस केन्द्र के मेम्बर्स के लिए पुस्तकालय। लेकिन यह केन्द्र अब सिर्फ शादीघर बन कर रह गया है। सिर्फ शादी कराने के लिए ही यह केंद्र खोला जाता है।

किसी की हिम्मत नहीं होती

ऐशबाग स्थित मनोरंजन केन्द्र पर एक टेंट के ठेकेदार ने कब्जा कर लिया है। मजाल यह कि किसी की हिम्मत नहीं कि उसका सामान यहां से निकलवा सके। मनोरंजन केन्द्र के गेट में घुसते ही सजावट का सामान रखा हुआ दिख जाएगा। मैदान में चारों ओर कुर्सियां, गोल मेजें, तख्त और स्टेज में यूज होने वाला तमाम सामान रखा हुआ है। टेंट के तमाम कर्मचारी भी इन्हीं टेंट में रहने लगे हैं।

बैडमिंटन हॉल को भी नहीं छोड़ा

सिर्फ इतना ही नहीं, यहां बने हॉल में जहां बैडमिंटन कोर्ट के लिए लाइनें डाली गई थी, वह भी मिट चुकी हैं। इस हॉल में भी टेंट का सारा सामान रखा हुआ है। कहने को तो रेलवे ने यहां पर एक चौकीदार संजय नियुक्त किया है, लेकिन यहां इस सामान की देखरेख वही करता है। मौके पर जब हमने उससे पूछा तो उसने बताया कि यहां का सारा काम मवैया में रहने वाले मोहित टेंट वाले ही देखते हैं।

शादी में ही खुलता है हॉल

मनोरंजन केन्द्र के ठीक सामने रेलवे कालोनी बनी हुई है। यहां रहने वाले कर्मचारियों ने बताया कि शादियों के मौसम के अलावा यह संस्थान में खेलने की व्यवस्था की गई थी। बुकिंग ना होने पर यहां पर खेलों का संचालन होना चाहिए। इसके लिए हॉल में बैडमिंटन कोर्ट बनाया गया था। लेकिन यह हॉल सिर्फ शादी में ही खुलता है।

खेल तो कभी नहीं होता

यहां बैडमिंटन तो कभी होता ही नहीं है। हम लोग वहां जाने की कोशिश करते हैं तो यहां को ठेकेदार हमें नहीं जाने देता है। कालोनी के लोगों ने ही बताया कि यहां पर बना पुस्तकालय कबाड़ में बदल चुका है। उस कमरे का भी ताला नहीं खुलता है। वहां तो छोडि़ए हम लोग गेट खोलकर इसके अंदर नहीं खेल सकते हैं।

ऐशबाग स्थित मनोरंजन केंद्र की बुकिंग होती है, लेकिन इसके बारे में मुझे बहुत जानकारी नहीं है। यदि वहां पर किसी का कब्जा है तो उसे हटवाया जाएगा।

- आलोक श्रीवास्तव

पीआरओ

एनई रेलवे