- रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने एनसीआर, पूर्व मध्य रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ऑफिसर की मौजूदगी में बनाया प्लान

- सूबेदारगंज और प्रयाग घाट टर्मिनल बनाने का काम होगा तेज

- छिवकी जंक्शन को भी किया जाएगा डेवलप

ALLAHABAD: जिस लखनऊ और कानपुर इंटरसिटी को तीन से चार घंटे में लखनऊ कानपुर-पहुंच जाना चाहिए, वो आठ घंटे में पहुंचती है। मुगलसराय तक राइट टाइम आने वाली ट्रेन मुगलसराय से इलाहाबाद पहुंचने में चार से पांच घंटे लेट हो जाती है। इसके अलावा इलाहाबाद से मिर्जापुर तक 90 किलोमीटर की दूरी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें चार से पांच घंटे में तय करती हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एनसीआर पर क्षमता से अधिक तीन गुना लोड है। सिस्टम डिस्टर्ब है और पड़ोसी रेलवे रीजन से कोआर्डिनेशन की कमी है। जिसे ठीक करने, ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और पंक्चुअलिटी निर्धारित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने खुद पहल कर दी है।

ओवरलोड पर चेयरमैन ने किया मंथन

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने मंगलवार को खुद स्वीकार किया कि एनसीआर ओवरलोड चल रहा है। पूरे रेलवे बोर्ड मेम्बर के साथ इलाहाबाद पहुंचे रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि नॉर्थ सेंट्रल रेलवे का पूरा रीजन आल इंडिया रेलवे का भ् परसेंट हिस्सा है। लेकिन ट्रैफिक लोड क्षमता से तीन गुना अधिक यानी क्भ् परसेंट है। जिसे कम करने और स्मूथ बनाने के लिए ही पहली बार पूरा रेलवे बोर्ड एनसीआर हेडक्वार्टर आया है। परफार्मेस रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया गया है। जिसमें उत्तर मध्य रेलवे के साथ ही पूर्व मध्य रेलवे एवं पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारी भी शामिल हैं।

मोबेलिटी और पंक्चुअलिटी है टार्गेट

रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने ऑफिसर्स के साथ हुई मीटिंग में ट्रेनों की मोबेलिटी और पंक्चुअलिटी को लेकर विशेष ध्यान देने की बात कही। तीनों रीजन के ऑफिसर्स व रेलवे बोर्ड मेम्बर ने ट्रैफिक को स्मूथ बनाने के लिए अपना-अपना सुझाव दिया। जिस पर करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। चेयरमैन ने कह कि ट्रेनों की टाइमिंग सुधारने के लिए पड़ोसी क्षेत्रीय रेलों से बेहतर कोआर्डिनेशन बनाना होगा।

इलाहाबाद जंक्शन पर है ट्रैफिक जाम

रिव्यू मीटिंग में ये बात निकलकर आई कि इलाहाबाद जंक्शन इंडिया का एक ऐसा जंक्शन है, जिससे सात रूट निकलते हैं। इसी वजह से इस पर ट्रेनों का जबर्दस्त लोड है। इसे कम करने के लिए विकल्प पर फोकस करना होगा। उन्होंने एनसीआर अधिकारियों से सुबेदारगंज, प्रयागघाट स्टेशन को टर्मिनल के रूप में जल्द से जल्द विकसित करने और छिवकी जंक्शन को भी डेवलप करने की बात कही। जीएम एनसीआर ने चेयरमैन को बताया कि एनसीआर के स्टेशन इलाहाबाद, कानपुर, इटावा, झांसी, आगरा, ग्वालियर मिल कर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए काम कर रहा है। मीटिंग के बाद चेयरमैन ने इलाहाबाद जंक्शन का निरीक्षण किया।

हेल्प लाइन नंबर क्8ख्

चेयरमैन रेलवे बोर्ड ने मोबेलिटी, पंक्चुअलिटी के साथ ही सिक्योरिटी पर भी फोकस करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे बोर्ड हेल्प लाइन नंबर क्8ख् जारी कर रहा है। जिसका इस्तेमाल पैसेंजर्स ट्रेवलिंग के दौरान किसी आपात स्थिति में कर सकेंगे। क्8ख् नंबर पर कॉल करते ही ट्रेवलिंग के दौरान संबंधित आरपीएफ पोस्ट पर अपने आप कॉल चला जाएगा और पोस्ट के अधिकारी व जवान कॉल अटेंड करने के साथ ही तत्काल सिक्योरिटी की व्यवस्था करेंगे।

रामबाग क्रासिंग से मिलेगा छुटकारा

इलाहाबाद जंक्शन के साथ ही एनसीआर की समस्याओं पर चर्चा हुई तो इलाहाबाद सिटी के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम बने रामबाग रेलवे क्रासिंग पर भी बहस हुई। जिसे चेयरमैन ने सबसे बड़ी प्रॉब्लम बताया। कहा कि रामबाग क्रासिंग से सिटी के लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए दारागंज स्टेशन से ऊपर-ऊपर नई रेलवे लाइन बनाई जाए, जिसे प्रयाग स्टेशन से जोड़ते हुए जंक्शन की तरफ ट्रेनों को लाया जाए। इससे क्रासिंग की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। वहीं लखनऊ और बनारस रूट की डबलिंग वर्क में भी तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया। मीटिंग में सदस्य यांत्रिक हेमंत कुमार, सदस्य बिजली नवीन टंडन, सदस्य यातायात अजय शुक्ला, जीएम एनसीआर महेश मंगल, सदस्य इंजीनियरिंग वीके गुप्ता, वित्त आयुक्त श्रीमती राजलक्ष्मी आदि मौजूद रहे।

रेलवे बोर्ड चेयरमैन की मीटिंग में हुए निर्णय

- ख्0क्भ्-क्म् के बजट में कुल आय में लगभग क्भ् परसेंट इनकम बढ़ाया जाए

- माल लदान में 8भ् मिलियन टन एवं यात्री आय में तीन प्रतिशत की वृद्धि की जाए

- कैटल रन ओवर की घटनाओं पर लगाया जाए नियंत्रण

- एलार्म चेन पुलिंग की घटनाओं पर रोक लगाने का चेयरमैन ने दिया निर्देश

- स्टेशनों पर अगर है बेंचों की कमी तो सांसदों से मुलाकात कर सांसद निधि से लगवाएं बेंच