- 4 कॉलोनियों में बने हैं करीब 1400 आवास

BAREILLY:

ट्रेन के सुरक्षित संचालन की जिम्मेदारी रेल कर्मियों पर होती है। लेकिन रेलवे उन्हीं कर्मचारियों की जान जोखिम में डाल रहा है। एनईआर इज्जतनगर डिवीजन के इज्जतनगर रेलवे स्टेशन के रेलकर्मियों के लिए 4 कॉलोनी बनी हुई हैं। इन कॉलोनी के जिन आवासों में कर्मचारी व उनके परिवार रह रहे हैं वह जर्जर हालत में हैं। कई आवास कंडम हो चुके हैं। फिर भी रेल कर्मी उन्हीं जर्जर आवासों में रहने को मजबूर हैं। बारिश का पानी छत से बाहर जाने की बजाय घर के अंदर टपक रहा है। आवासों की छतें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि उनमें लगी लोहे की सरिया भी दिख रही हैं। लगातार हो रही बारिश से आवासों के धराशायी होने का भी खतरा बना हुआ है।

जर्जर हालत में चारों कॉलोनी

इज्जतनगर रेलवे स्टेशन के कर्मियों के लिए छपरा उर्फ लोको कॉलोनी, स्टेशन कॉलोनी, हॉस्पिटल या ऑफिस कॉलोनी और न्यू मॉडल रेलवे कॉलोनी हैं। चारों कॉलोनियों में करीब 1400 आवास बने हैं। इनमें से 145 आवास जर्जर हो चुके हैं। बाकी आवासों की स्थिति भी काफी दयनीय हैं। इनकी मरम्मत नहीं होने से छत, दीवार के प्लास्टर टूट कर गिर चुके हैं। छत से बारिश का पानी टपककर घर के अंदर आ रहा है। सीलन के कारण घर में रखा सामान खराब हो रहा है। छत इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि लेन्टर की सरिया तक दिख रही हैं।

नहीं हो रही कोई सुनवाई

कई पुराने आवासों के बाथरूम में दरवाजे भी नहीं बचे हैं। जिस कारण महिलाओं को काफी दिक्कत होती है। टॉयलेट के बने सेफ्टिक टैंक एकदम खराब हो चुके हैं। जिसके कारण गंदगी सीधे नालियों मे बह रही है तथा नालियां संकरी होने के कारण यह गंदगी नालियों में ही जमा हो जाती है। कॉलोनी की जर्जर हालत को लेकर कर्मचारियों में काफी रोष है। उनका कहना है कि शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

एनईआर इज्जतनगर डिवीजन में 4 कॉलोनी है

1- छपरा या लोको कॉलोनी - कुदेशिया फाटक के पास।

- 135 आवास।

- 30 आवास कंडम।

2- स्टेशन कॉलोनी - स्टेशन के सामने।

- 70 आवास।

- 25 आवास कंडम।

3- हॉस्पिटल या ऑफिस कॉलोनी - डीआरएम ऑफिस के पीछे।

- 350 मकान।

- 20 आवास कंडम।

4- न्यू माडल रेलवे कालोनी - कारखाना के सामने।

- 845 आवास।

- 70 आवास कंडम।

सभी कॉलोनियां काफी जर्जर हालत में हैं। हम लोग कॉलोनियों में जाकर एक-एक आवास का सर्वे कर रहे हैं। लोको और रेलवे कॉलोनी की कंडीशन ज्यादा खराब है। कई आवास कंडम हो चुके हैं। बारिश का पानी घरों के अंदर आ रहा है। शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

जेएस भदौरिया, सहायक महामंत्री, श्रमिक संघ, इज्जतनगर