फ्लैग : मीरगंज में नगरिया सादात रेलवे स्टेशन के पास फाटक संख्या 381 सी पर गेटमैन ने हजारों यात्रियों की जान से किया खिलवाड़

- नगरिया सादात रेलवे स्टेशन के केबिन से गेटमैन को 15 मिनट पहले मिल गई थी ट्रेन आने की सूचना

- सियालदह एक्स। के लोको पायलट ने वायरलैस पर अफसरों को दी सूचना, मचा हड़कंप, जांच के आदेश

बरेली : शुक्र मनाइए कि मीरगंज के गुगई रेलवे फाटक 381 सी पर थर्सडे सुबह कोई बड़ा रेल हादसा नहीं हुआ। इसे चमत्कार ही कहेंगे कि दो ट्रेनों में बैठे हजारों यात्रियों और सड़क पर चल रहे किसी व्यक्ति को खरोच तक नहीं आई। हालांकि दो बाइक सवार बाल-बाल बच गए। दरअसल सुबह पांच मिनट के अंतराल में पाटलीपुत्र-चंडीगढ़ एक्सप्रेस और सियालदह एक्सप्रेस गुजर गई और यह फाटक खुला ही रह गया। इस दौरान यहां तैनात गेटमैन संजीव का कुछ अतापता नहीं था। गनीमत रही उस समय रेलवे ट्रैक पर कोई नहीं था। सियालदह एक्सप्रेस के लोको पायलट ने गेटमैन की लापरवाही की सूचना वायरलैस पर अफसरों को दी। इसके बादअफसरों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में गेट मैन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

सुबह 11:45 बजे गुजरी पहली ट्रेन

नगरिया सादात रेलवे स्टेशन के पास रेलवे फाटक 381 सी पर सुबह गेटमैन संजीव की ड्यूटी थी। उसे नगरिया सादात स्टेशन के केबिन मैन ने करीब 11:30 बजे बरेली से मुरादाबाद की ओर जा रही पाटिलीपुत्र-चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22355भ्) के आने की सूचना दे दी थी। इसके बाद भी उसने फाटक बंद नहीं किया। ठीक 15 मिनट बाद ट्रेन वहां से गुजर गई और फाटक खुला ही रह गया। गनीमत रही कि इस दौरान फाटक के आसपास कोई गाड़ी नहीं थी। बस इक्का-दुक्का लोग ही थे, जो ट्रेन को आता देखकर रुक गए।

लोको पायलट ने की शिकायत

इसके ठीक पांच मिनट बाद मुरादाबाद से लखनऊ की ओर जा रही जम्मूतवी- कोलकाता (सियालदाह एक्सप्रेस) भी वहां से गुजर गई। तब भी फाटक खुला ही रह गया। इस ट्रेन के लोको पायलट ने फाटक को खुला देखकर तुरंत इसकी सूचना नगरिया सादात स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार को वायरलैस पर दी। लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को बताया कि ट्रेन के गुजरते वक्त गेट संख्या 381 सी खुला रहा गया था और फाटक के पास गेटमैन भी नहीं था। इसके बाद स्टेशन मास्टर ने लोको पायलट की दी गई सूचना को रेलवे की डायरी में दर्ज कर दिया।

बाल-बाल बचे दो बाइक सवार

प्रत्यक्षदर्शी मीरगंज के लभारी गांव के दिनेश कुमार ने बताया कि वह अपने साथी नंदकिशोर के साथ इसी फाटक से होकर गुगई जा रहे थे। गेट खुला पाकर वह रेलवे ट्रैक क्रॉस करने लगे। इसी बीच सियालदह एक्सपे्रस आ गई। हड़बड़ा कर दिनेश ने ब्रेक मार दिए और अपनी बाइक वापस सड़क की ओर घुमा दी। दोनों बाल-बाल बच गए।

ट्रेन गुजरने के बाद बंद िकया फाटक

ट्रेन गुजरने के बाद दिनेश कुमार ने गेटमैन को आवाज देकर उसके रूम से बाहर बुलाया। संजीव के बाहर आने पर दिनेश और अन्य लोगों ने ट्रेन आने पर भी फाटक खुला होने का कारण पूछा तो वह झगड़ा करने पर उतारू हो गया। वह इतना घबरा गया था कि ट्रेन गुजरने के बाद फाटक बंद करने लगा। फिर उन लोगों से पूछा कि फाटक कहां खुला है? वहां मौजूद पब्लिक ने ऐसा करते हुए उसका वीडियो बना लिया।

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- अपने साथी के साथ बाइक से गुगई जा रहा था। रेलवे फाटक खुला देख बाइक को लेकर जैसे ही रेलवे क्रासिंग करनी चाही तभी सियालदह एक्सप्रेस आ गई। हम दोनों बाल-बाल बच गए।

दिनेश कुमार

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- सियालदह ट्रेन के लोको पायलट ने सुबह वायरलैस पर सूचना दी थी, कि रेलवे फाटक संख्या 381 खुला है और गेटमैन ने फाटक बंद नहीं किया था। ट्रेन गुजरते वक्त गेटमैन दिखाई भी नहीं दिया। सूचना मिलते ही मामला डायरी में दर्ज कर दिया ।

स्टेशन मास्टर, नगरिया सादात, एनआर

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मुझसे गलती हो गई, जो रेलवे फाटक खुला रह गया। मैंने शराब नहीं पी थी। बस रूम में चला गया था, तब तक ट्रेन गुजर गई। आगे से ध्यान रखूंगा।

संजीव कुमार, गेटमैन