-ट्रेन में अकेले सफर कर रही महिला को टिकट न होने पर कोच से उतारने पर लगी रोक

-बीच रास्ते में उतारने से होने वाली घटनाओं पर रोक के लिए रेलवे ने लिया डिसीजन

VARANASI

अगर आप लेडी हैं और विदाउट टिकट ट्रेन में अकेले जर्नी कर रही हैं तो ऐसे में कोई भी टीटीई आपको ट्रेन से नहीं उतार सकता। पिछले दिनों हुई घटना के बाद रेलवे को यह अपना खुद का बनाया नियम याद आया। हां, पर कई दशक पुराने इस नियम के लागू हो जाने के बाद लेडीज को बीच रास्ते में उतरने पर उनके साथ होने वाली घटनाओं में कमी आएगी। अब अकेली महिला पैसेंजर को डेस्टिनेशन पर ही उतारना होगा। खास बात यह कि महिलाओं की सुरक्षा की कड़ी में रेलवे का यह नियम मील का पत्थर साबित होगा।

ताकि अनहोनी पर लगे रोक

नये रूल के अनुसार ट्रेन में अकेले जर्नी कर रही महिला पैसेंजर यदि बिना टिकट भी यात्रा कर रही है तो उसे ट्रेन से नीचे नहीं उतारा जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर किसी ट्रेन में यात्रा कर रही महिला को विदाउट टिकट होने के आरोप में किसी स्टेशन पर उतार दिया गया और उसके साथ कोई अनहोनी हो गई तो, इसी से उसे बचाने के लिए रेलवे ने ये नियम लागू किया है कि ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रही महिला यदि अकेली है तो उसे यात्रा करने दिया जाए, उसे सुरक्षित डेस्टिनेशन स्टेशन तक जाने दिया जाए।

वेटिंग टिकट पर भी जर्नी

ट्रेन में अकेले जर्नी कर रही महिला यात्री को टीटीई या चेकिंग टीम उसे किसी अन्य स्टेशन पर उतरने को बाध्य नहीं कर सकता। यही नहीं अगर महिला आरक्षित कोच में जर्नी कर रही है और उसका सीट कन्फर्म नहीं हुआ है और वेटिंग लिस्ट में नाम है। तो भी ट्रेन में यात्रा के दौरान उसे कोच से बाहर नहीं निकाला जा सकेगा। वह वेटिंग टिकट पर भी यात्रा कर सकती है। यही नहीं महिला यात्रियों को रेलवे ने इतनी ही सहूलियतें नहीं दी हैं। बल्कि महिला यात्री ने यदि स्लीपर का टिकट लिया है और वह थर्ड एसी में यात्रा कर रही है तो उससे केवल टीटीई अनुरोध कर सकता है कि वह स्लीपर कोच में जाए। उसके साथ जबरदस्ती करके दूसरे कोच में नहीं भेज सकता है।

28 साल बाद आया याद

रेलवे ने महिला यात्रियों के लिए 28 साल पहले यह नियम बनाया था। महिला रेल यात्री के लिए रेलवे मैनुअल में सन् 1989 में इससे रिलेटेड आर्डर दिया गया था। लेकिन समय के साथ इस नियम को सभी भूल चुके थे। अधिकतर रेलवे टीटीई व कमर्शियल डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स को भी यह याद नहीं था। रेलवे ने अब इस नियम को इसलिए लागू किया है ताकि ट्रेन में यात्रा के दौरान महिलाओं के साथ कोई अनहोनी न हो सके। वो सुरक्षित अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकें।