-कैंट रेलवे स्टेशन से पीएम नरेंद्र मोदी के हरी झंडी दिखाने की थी उम्मीद

-सिर्फ प्रयागराज तक हुआ ट्रायल, बनारस तक संचालन में तकनीकी समस्याएं बनीं बाधा

VARANASI

देश की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ी 'ट्रेन 18' में बनारस के लोगों के सफर करने का सपना अब अगले साल 2019 में ही पूरा हो पाएगा। कारण कि 29 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी नहीं दिखाया। इसके पीछे प्रयागराज से वाराणसी के बीच रूट पर कई बाधाएं हैं। फिलहाल नई दिल्ली से प्रयागराज तक शनिवार को इसका ट्रायल हुआ। ट्रेन को बनारस नहीं लाया जा सका।

आई नेक्स्ट ने न्यूज की थी पब्लिश

तकनीकी समस्याओं के चलते इस ट्रेन के कैंट स्टेशन वाराणसी तक संचालन न होने की खबर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने 28 दिसंबर के एडिशन में 'नई रेल को ट्रैक नहीं पाएगा झेल' नाम से कवर पेज पर पब्लिश किया था। इस न्यूज में बनारस से प्रयागराज तक के जर्जर रूट की हकीकत से पर्दा उठाया गया था। सीसीआरएस की रिपोर्ट के बाद से ही कयास लगाया जाने लगा था कि इस रूट पर अब इस साल यह ट्रेन नहीं दौड़ पाएगी। यही हुआ भी। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक ट्रेन 18 बनारस से नई दिल्ली के बीच अब 2019 में ही दौड़ पाएगी।