कोटद्वार गढ़वाल के तीन युवक व एक युवती को जीआरपी-आरपीएफ ने स्मैक समेत पकड़ा

बरेली से स्मैक खरीदकर रैकेट उत्तराखंड के इंस्टीट्यूशन में स्टूडेंट्स को करता था सप्लाई

BAREILLY:

बरेली जंक्शन रुहेलखंड से उत्तराखंड के लिए ड्रग तस्करी का सबसे आसान और पसंदीदा जरिया बन गया है। नशीले पदार्थो की स्मगलिंग के लिए तस्कर जंक्शन को ही एक मजबूत प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। संडे को मुखबिर की सटीक सूचना पर जीआरपी व आरपीएफ ने जंक्शन के प्लेटफॉर्म दो से ड्रग रैकेट के 4 लोगों को धर दबोचा। जिनमें तीन युवक व एक युवती शामिल है। तलाशी में युवती के पास 20 ग्राम से ज्यादा स्मैक बरामद हुई। वहीं तीनों युवक मौके पर ही स्मैक के नशे में धुत पकड़े गए। यह चारों बरेली से स्मैक की खेप उत्तराखंड में इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को सप्लाई करने के लिए ले जा रहे थे।

राजधानी से फरार की योजना

आरपीएफ को संडे सुबह 9.30 बजे प्लेटफॉर्म 2 पर रुकी 12235 डिब्रूगढ़ राजधानी में चार लोगों के स्मैक ले जाने की सूचना मिली। जीआरपी के साथ मिलकर फोर्स ने ट्रेन के कोच की घेराबंदी कर तीन युवक व एक युवती को पकड़ा। पकड़े गए चारों लोगों की शिनाख्त उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की तहसील कोटद्वार निवासी राहुल खंदवार, सुमित बिष्ट, सौरव नेगी और मेघा केस्टवाल के तौर पर हुई। ये राजधानी से फरार होकर मुरादाबाद तक पहुंचने की फिराक में थे।

गंगापुर से खरीदी स्मैक

कोटद्वार के निंबूचौड़ में रहने वाला सौरव नेगी ने 11वीं तक पढ़ाई की है। पिता की डेथ के बाद सौरव आवारागर्दी करते हुए स्मैक के नशे की लत और तस्करी से जुड़ गया। पड़ोस में रहने वाली युवती मेघा केस्टवाल की मां की डेथ हो चुकी थी और पिता कैंसर से पीडि़त हैं। मेघा ने भी 12वीं में पढ़ाई छोड़ दी। सैटरडे रात यह दोनों ट्रेन में सवार हो संडे सुबह 4 बजे जंक्शन पहुंचे। यहां से दोनों ऑटो में सवार हो गंगापुर पहुंचे और वहां से सौरव ने करीब 2 हजार की स्मैक खुद पी। इसके बाद 10 हजार की स्मैक खरीद कर युवती से पर्स की बजाय, कपड़ों के अंदर छिपाने को कहा और वापस जंक्शन पहुंचे।