-संजीव कुमार ने रेलवे में फ्राड के कई मामलों का किया है खुलासा

-ग्रुप डी भर्ती बोर्ड में 300 लड़कों की नियुक्ति का पकड़ा फर्जीवाड़ा

-एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों को किया ब्लैक लिस्टेड

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: जो डर गया वो मर गया। शोले का यह डॉयलाग आज भी बेहद प्रासंगिक है। यह कहानी दोहराने की कोशिश हुई है रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन संजीव कुमार के साथ। रेलवे के भर्ती माफिया उन्हें डराने के लिए ये ड्रामा कर रहे हैं ताकि वे पद छोड़ दें। रेलवे में जॉब के नाम पर चल रही सेटिंग चलने दें। आपभी जानिए ऐसा क्या किया है आईआरएस संजीव कुमार ने ऐसा जो लोग उनके दुश्मन बन गैठे।

फ्00 लोगों को किया था ट्रेस

रेलवे में ग्रुप डी का एग्जाम हुआ था। देखने और सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन करीब तीन सौ ऐसे लोग आइडेंटीफाई कर लिए गए जिन्होंने सेटिंग कर रखी थी। बोर्ड के अध्यक्ष होने के कारण संजीव खुद इसकी मानिटरिंग कर रहे थे। उन्हें शक हो गया था कि एग्जाम में सेटिंग हुई है। उन्होंने सभी परीक्षार्थियों का फिंगर प्रिंट मैच कराया। इसी में तीन सौ अभ्यर्थी फंस गए। वह सभी एग्जाम क्वालीफाई कर चुके थे। यानी नौकरी मिलना पक्का हो चुका था। लेकिन, ऐन वक्त पर काम बिगड़ गया।

स्कूल हुए ब्लैक लिस्टेड

इसके बाद यह पता लगाना जरूरी था कि ये सेटिंग हुई कहां से। संजीव कुमार इसकी जांच खुद ही करने लगे। जांच में पता चला कि इलाहाबाद में कई ऐसे कालेज हैं जहां पर रेलवे का हर बार सेंटर रहता है। वहीं के टीचर्स की मिलीभगत से पूरा खेल हुआ है। बाहर किए गए अभ्यर्थियों ने भी इन्हीं सेंटर्स पर परीक्षा दी थी। इस पर उन्होंने रेलवे प्रशासन को एक दर्जन से अधिक ऐसे स्कूलों की लिस्ट भेज दी। इसके बाद इन स्कूलों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। बाहरी माफियाओं पर लगाम लग चुका था। अब बारी थी घर की। यकीनन घर के लोगों की मिलीभगत के बिना कोई सेटिंग नहीं हो सकती थी। इसे लेकर भी संजीव कुमार सख्त हो चुके थे। संदिग्ध ऑफिसर उनके रडार पर आ चुके थे। वार्निग दे दी कि किसी की कोई गलती मिली तो वह सीधे जेल जाएगा। उन्होंने क्रास चेकिंग खुद करना शुरू कर दिया था। इससे विभागीय लोग भी हिल गए।

धमकी पर और सख्त हुए तेवर

फ्00 परीक्षार्थी रिजेक्ट कर दिए गए। एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों को ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया गया। यह खबर लीक हो गई। इसके बाद संजीव कुमार को धमकियां मिलने लगी। कुछ लोगों ने संजीव को लाखों रुपए तक ऑफर कर डाले लेकिन संजीव ने उनकी एक न सुनी। थोड़ा और कड़क रुख अख्तियार कर लिया। इसके बाद यह घटना सामने आई है। इससे विभागीय ऑफिसर और कर्मचारी भी कटघरे में हैं।