-कैंट रेलवे स्टेशन से गुजरने वाले हजारों पैसेंजर्स को बॉटल ही एकमात्र सहारा

-प्यास बुझाने के लिए 20 से 25 रुपये में पानी का बॉटल खरीदने को हो रहे मजबूर

-प्रॉपर इंतजाम न होने से रेलवे की व्यवस्था हुई बेपटरी

VARANASI: कैंट स्टेशन एरिया में नौ ट्यूबवेल्स, चार ओवरहेड टैंक्स, ख्भ् वॉटर बूथ्स, दस वॉटर कूलर्स, क्म्9 टैप्स लगे हैं। इसके बाद भी पैसेंजर्स की प्यास नहीं बुझ पा रही है। वो यहां से बिना पानी के ही आगे बढ़ जा रहे हैं। या तो मुंहमांगे रेट पर पीने का पानी खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पैसेंजर्स ख्0 से ख्भ् रुपये में पानी का बॉटल खरीद रहे हैं। यह हाल तब है जबकि बनारस पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यही नहीं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का घर भी बनारस में है और उनकी फैमिली भी यही रहती है। इतने के बाद भी वेंडर्स की मनमानी के आगे रेलवे घुटने टेके हुए है। इसका खामियाजा पैसेंजर्स भुगत रहे हैं।

छत पर हैं क्ख् टैंक्स

स्टेशन के मेन बिल्डिंग के ठीक ऊपर पीने का पानी स्टोर करने के लिए क्ख् टैंक्स बनाए गए हैं। स्टेशन पर पानी की सप्लाई के लिए इन्हें सन् क्978 में बनाया गया था। तब से लेकर अब तक इनमें डेली पानी भरा जाता है। दस फीट चौड़े तथा क्ख् फीट लंबे इन टैंक्स में हजारों लीटर पानी स्टोर होता है। इनसे प्लेटफॉ‌र्म्स पर पानी की सप्लाई होती है। जिसका स्टेशन से गुजरने वाले हजारों पैसेंजर्स पीने के लिए यूज करते हैं। इनमें हजारों फॉरेनर्स व डोमेस्टिक टूरिस्ट्स भी शामिल रहते हैं। इसके बाद भी इन टैंक्स से पानी की प्रॉपर सप्लाई नहीं होती है, जिसके चलते पैसेंजर्स को दूसरा ऑप्शन देखना पड़ता है।

वेंडर्स उठा रहे फायदा

जिस स्टेशन से डेली लाखों पैसेंजर्स का आना जाना होता है। वहां मात्र दस वॉटर कूलर्स लगे हैं। ऐसे में इस भीषण गर्मी में कितने पैसेंजर्स की प्यास बूझ पाएगी यह बताने की आवश्यकता नहीं है। ट्रेन के पहुंचते ही इन वॉटर बूथ्स पर लंबी लंबी लाइन लग जा रही है। एक बॉटल पानी भरने में पैसेंजर्स को पसीने छूट जा रहे हैं। भीड़ के चक्कर में ट्रेन छूट न जाए इसका डर अलग से रहता है। इसलिए पैसेंजर्स वेंडर्स से पानी खरीदकर आगे बढ़ जा रहे हैं। यदि वॉटर कूलर और टैप्स अधिक होते तो उनको वेंडर्स से महंगा पानी खरीदने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। रेलवे की इसी अव्यवस्था का फायदा वेंडर्स उठा रहे हैं।

बाक्स----

-स्टेशन पर पानी की सप्लाई के लिए नौ ट्यूबवेल्स लगाए गए हैं।

-पानी को स्टोर करने के लिए चार टैंक्स बनाए गए हैं।

-तीन में एक लाख गैलन पानी स्टोर होता है।

-एक में भ्0 हजार गैलन पानी स्टोर होता है।

-बिजली न रहने पर पंप को चलाने के लिए एक जेनरेटर भी लगाया गया है।

-हर प्लेटफॉर्म पर तीन से चार वॉटर बूथ बनाए गए हैं।

-प्लेटफॉ‌र्म्स पर टोटल क्म्9 टैप्स लगे हैं।

-विभिन्न प्लेटफॉ‌र्म्स पर दस वॉटर कूलर लगे हैं।

-क्भ् अप्रैल से वॉटर कूलर स्टार्ट होता है।

वर्जन---

कैंट स्टेशन पर पीने के पानी की प्रॉपर सप्लाई हो इसके लिए नजर रखी जा रही है। वेंडर्स की मनमानी पर रोक लगाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

रवि प्रकाश चतुर्वेदी,

चीफ एरिया मैनेजर, कैंट स्टेशन, नॉर्दन रेलवे