- हादसे के बाद भी नहीं चेत रहा रेलवे प्रबंधन

BAREILLY:

बरेली गुजरने वाले सभी अप एंड डाउन ट्रैक पर रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन पटरियां बदल रहा है, लेकिन बरेली जंक्शन पर टूटी और कमजोर पटरियों को चेंज करने को लेकर अफसर सजग नहीं हैं। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर चटकी पटरियों से ट्रेनें गुजार रहे हैं। इतना ही नहीं पटरियां ट्रैक से अच्छी तरीके से जुड़ी नहीं है। लिहाजा, पटरी को हिलने से रोकने के लिए लकड़ी के गुटके लगाए गए हैं। यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहे अधिकारियों की लापरवाही का आलम तब है, जब यहां आए दिन रेलवे के उच्चाधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है।

डिरेलमेंट का बड़ा खतरा

बरेली जंक्शन के मेन गेट से एंट्री करते ही राइट साइड चंद कदम चलते ही पटरी चटकी हुई है। हैरत की बात है कि पटरी का रूटीन इंस्पेक्शन करने वाले स्टाफ की भी निगाह नहीं पड़ी। ऐसे में कभी कोई ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक से रन थ्रू ट्रेन रफ्तार में गुजरी तो हादसे को टाला नहीं जा सकेगा।

गुटके का लगाया है टेक

प्लेटफार्म नम्बर-1 पार्सल घर की ओर रेलवे ट्रैक पर हर चार कदम पर लकड़ी के गुटके से पटरी को प्लेटफार्म से अड़ा कर सपोर्ट दिया गया है। ताकि पटरियां ट्रैक पर ढीली पड़ चुकी पटरियां दायें-बायें न जा सकें। वहीं बीच -बीच में टूटी पटरियों को वेल्डिंग से काम चलाया जा रहा है। जिन स्थान पर पटरियों को वेल्डिंग कर जोड़ा गया हैं, उसके नीचे काई स्लीपर नहीं लगाए गये हैं।

पहले हो चुका है हादसा

कमजोर पटरियों के कारण पहले भी रेल हादसा हो चुका है। रामपुर में 15 जुलाई को टूटी पटरियों के कारण राज्यरानी के 8 कोच बेपटरी हो गए थे। वहीं 15 दिन पहले मुरादाबाद से पहले पटरी के धंसने से डबल डेकर हादसे का शिकार होते-होते किसी तरह बची थी। फिर भी रेलवे अधिकारियों की लापरवाही जारी है। आलम यह है कि जर्जर पटरियों पर ही ट्रेनों को दौड़ा रहे हैं।

ट्रैक की मरम्मत का काम चल रहा है। जो पटरियां जर्जर है उन्हें बदला जा रहा है। जल्द ही सारी व्यवस्थाएं सही होगी।

विनय सिंह, पीडब्ल्यूआई, बरेली जंक्शन