- राजधानी पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी

- 4500 हार्स पावर वाले इंजन का किया लोकार्पण

LUCKNOW: भारतीय रेलवे ट्रैक पर आने वाले समय में देश का सबसे पावरफुल इंजन दौड़ाया जाएगा। यह इंजन सात हजार हार्स पावर का होगा, जिसे रेलवे जनरल इलेक्ट्रिकल की सहायता तैयार किया जाएगा। अब तक रेलवे ट्रैक पर 4 हजार हार्स पावर के इंजन ही दौड़ रहे हैं। ये बातें गुरुवार को आलमबाग डीजल शेड में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्रि्वनी लोहानी ने कही। उन्होंने यहां पर 4500 हार्स पावर के दो इंजनों का लोकापर्ण किया। इस मौके पर उन्होंने 200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार रोजा डीजल मेंटीनेंस शेड का भी उद्घाटन किया। इस शेड में 6 हजार हार्स पावर तक के इंजनों मेंटीनेंस आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे, जेई ट्रांसपोटेशन के सीईओ नलिन जैन, आरडीएसओ के महानिदेशक मरगूब हुसैन, सीनियर डीओएम अजीत सिन्हा मौजूद रहे।

रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया कि बीते साल 2015 में पीपीपी मॉडल और मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत रेलवे ने जरनल इलेक्ट्रिकल कंपनी के साथ 2.5 बिलियन डॉलर का एमओयू साइन किया था। एमओयू के अनुसार यह कंपनी एक हजार डीजल इंजनों की आपूर्ति करेगी। साथ ही इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी इसकी होगी। इसके लिए रोजा (शाहजंहापुर) और साबरमती में डीजल शेड का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी रेलवे को 6 हजार हार्स पावर के 300 इंजनों का निर्माण करेगी और 7 हजार हार्स पावर का सबसे शक्तिशाली इंजन भी जल्द बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब मै रेलवे में आया तो उस समय तक 24 सौ हार्स पावर केइंजन ही रेलवे ट्रैक पर दौड़ रहे थे। पिछले दो दशकों में रेलवे जगत में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही 5 हजार हार्स पावर का इलेक्ट्रिक इंजन भी तैयार किए जाने की योजना है। ये इंजन बहुत ही आधुनिक तकनीक से बनाए गए हैं। इनसे 20 प्रतिशत ईधन की बचत होगी।

इंजन में 70 प्रतिशत भारतीय पुर्जे हुए इस्तेमाल

जरनल इलेक्ट्रिकल कंपनी के सीईओ नलिन जैन ने कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस ये इंजन पटरियों पर 110 की रफ्तार से दौड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इन इंजन के निर्माण में 70 प्रतिशत भारतीय पुर्जे इस्तेमाल हुए हैं। एमओयू के अनुसार जेई ने रेलवे को दो 45 सौ हार्स पावर के इंजन सौंप कर अपनी विश्वसनीयता सिद्ध की है।